गाजियाबाद में एक किशोर ने मुरादनगर इलाके में ओलंपिक तिराहे पर 18 साल पहले अपने चाचा की हत्या के आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी. फिर बाद में लोकल पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी.
अधिकारी के मुताबिक कच्ची सराय बस्ती में रहने वाले 49 साल के दूध के व्यापारी इमरान को 2007 में हत्या के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. बाद में उसने हाई कोर्ट में अपील की और 2017 से ज़मानत पर बाहर है.
पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि नाबालिग ने अपने चाचा की हत्या का बदला लेने के लिए शनिवार को इमरान को गोली मार दी. इमरान ओलंपिक तिराहे मार्केट में एक दोस्त की साइकिल की दुकान पर बैठा था, तभी टीनेजर मौके पर पहुंचा और उस पर तीन राउंड गोलियां चलाईं.
पुलिस ने बताया कि गोलियां इमरान के सीने में लगीं, जिससे वह गिर गया. लोकल व्यापारी उसे कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने बताया कि बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. घटना के बाद गुस्साए दुकानदारों ने पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई का आरोप लगाते हुए बाज़ार बंद कर दिया.
विरोध प्रदर्शन में शामिल दानिश हाज़ी ने कहा कि हत्या के बाद से लोग और व्यापारी डरे हुए हैं. मामले में नाबालिग के अलावा यासिर, साबिर, अरफ़ाज़ और कैफ़ पर FIR की गई है. फिलहाल पुलिस दूसरे आरोपियों की भूमिका की जांच कर रही है और मुख्य आरोपी की उम्र भी वेरिफ़ाई कर रही है. DCP (ग्रामीण) सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है.