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BJP विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई की पोस्ट पर बवाल, CM योगी पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में दर्ज हुईं 6 FIR

गोरखपुर में बीजेपी विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेन्द्र पाल सिंह पर सीएम योगी आदित्यनाथ, उनके ओएसडी और विधायक विपिन सिंह के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र पोस्ट करने का आरोप लगा है. पुलिस ने उनके खिलाफ छह FIR दर्ज की हैं.

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महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेन्द्र पाल सिंह ने की अभद्र टिप्पणी-  (File Photo: ITG)
महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेन्द्र पाल सिंह ने की अभद्र टिप्पणी- (File Photo: ITG)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके ओएसडी और बीजेपी विधायक पर कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गोरखपुर में बीजेपी विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेन्द्र पाल सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. उनके खिलाफ अलग-अलग थानों में कुल 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

फेसबुक पर डाली थी आपत्तिजनक पोस्ट
दरअसल, पिपराइच से बीजेपी विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई भोलेन्द्र ने गुरुवार रात फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने कथित रूप से सीएम योगी, उनके विशेष कार्याधिकारी (OSD) और गोरखपुर ग्रामीण विधायक विपिन सिंह को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई. हालांकि बाद में परिवार ने इसे हटा दिया.

पोस्ट वायरल होने के बाद मामला बढ़ गया
पोस्ट वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा. पुलिस ने इसे गंभीर मानते हुए साइबर क्राइम थाने समेत पिपराइच, रामगढ़ ताल और खोराबार थानों में मामले दर्ज किए. अधिकारियों के मुताबिक, भोलेन्द्र की पोस्ट समाज में गलत संदेश फैलाने वाली थी और इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था.

बाद में CM और उनके ओएसडी से मांगी माफी
इस बीच, विधायक महेंद्र पाल सिंह ने अपने भाई से दूरी बना ली और कहा कि उनका उससे कोई संबंध नहीं है. उन्होंने साफ किया कि वे अपने भाई से पिछले 20-25 वर्षों से अलग रह रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री और उनके ओएसडी से सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी. महेंद्र पाल ने कहा, “यह मेरे खिलाफ साजिश भी हो सकती है. मेरा भाई किसी के बहकावे में आकर या नशे में ऐसा लिख बैठा होगा. जो भी दोषी है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

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विधायक ने आगे कहा कि उनके भाई ने कई बार परिवार की भी बेइज्जती की है. “उसने पहले भी मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक बातें लिखी थीं. वह किसी की बात नहीं सुनता. इसी वजह से मैंने 25 साल पहले ही उससे दूरी बना ली थी.”

पुलिस अब इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि भोलेन्द्र के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया गया था.

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