उत्तर प्रदेश के बागपत में महाभारत कालीन स्थल पर दावे की लड़ाई में 53 साल बाद सोमवार को अदालत का फैसला आया है. अदालत ने ये जगह अब हिंदू पक्ष को सौंप दी है. कोर्ट ने पाया कि बरनावा स्थित जिस जगह को कब्रिस्तान बताया जा रहा था, वह जगह महाभारत कालीन लाक्षागृह है. इसके बाद मंगलवार को बागपत के बरनावा लाक्षागृह पर पुलिस बल की तैनाती की गई है.
गुरुकुल, लाक्षागृह और विवादित स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष की ओर से अभी तक इस फैसले का विरोध नहीं किया गया है. मगर, संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी बागपत ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है. फिलहाल, पुलिस हर एक्टिविटी पर निगरानी रखे हुए हैं.
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53 सालों से बागपत सिविल कोर्ट में चल रहा था विवाद
दरअसल, बरनावा स्थित लाक्षागृह और मजार को लेकर पिछले 53 सालों से बागपत सिविल कोर्ट में विवाद चल रहा था. लाक्षागृह स्थित एक ढांचे को मजार बताते हुए मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में वाद दायर किया था. जिसे सोमवार को सिविल कोर्ट बागपत ने खारिज कर दिया. सिविल जज शिवम द्विवेदी ने माना कि महाभारत कालीन लाक्षागृह पर मुस्लिम सूफी बदरुद्दीन की कोई मजार नहीं है.
फैसला आने के बाद हिंदू पक्ष ने किया स्वागत
यह टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष का दावा खारिज कर दिया. इसके बाद हिंदू पक्ष को पूरे लाक्षागृह का मालिकाना हक मिल गया है. फैसला आने के बाद हिंदू पक्ष ने इसका स्वागत किया है. हिंदू पक्ष ने बताया कि यह महाभारत कालीन स्थल है, जिसको कोर्ट ने मान्यता दी है. कोर्ट के फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए मंगलवार को लाक्षागृह पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.