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संभल के लिए सीएम योगी का नया प्लान, अधिकारियों से की बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल की विकास योजनाओं की समीक्षा करते हुए तीर्थ स्थलों व कूपों के पुनरुद्धार, म्यूजियम और लाइट एंड साउंड परियोजनाओं को तेज करने के निर्देश दिए. इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स, जनपद न्यायालय, कारागार व पीएसी निर्माण, परिक्रमा मार्ग, महिष्मती नदी पुनर्जीवन और नगर विकास योजनाओं की प्रगति पर जोर देते हुए सभी कार्य समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण रूप से पूरा करने को कहा.

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लखनऊ में सीएम योगी से मिले संभल के DM-SP (file Photo- ITG)
लखनऊ में सीएम योगी से मिले संभल के DM-SP (file Photo- ITG)

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनपद संभल की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की, जिसमें जिले में जारी विकास कार्यों, कानून-व्यवस्था की स्थिति, बुनियादी ढांचे और भविष्य की प्राथमिकताओं को विस्तार से परखा गया. बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि संभल का सुनियोजित विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और इसके लिए चरणबद्ध रणनीति लागू की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने बैठक की शुरुआत विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट को समझने से की. उन्होंने कहा कि संभल एक प्राचीन और सांस्कृतिक महत्त्व वाला जनपद है, इसलिए यहां विकास की दिशा न केवल आधुनिक होनी चाहिए, बल्कि इसकी विरासत और पौराणिक पहचान को भी सहेजने वाली होनी चाहिए.

पहले चरण में होगा प्राचीन तीर्थों का संरक्षण

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि संभल जिले में 68 प्राचीन तीर्थ और 19 कूप स्थित हैं. उन्होंने कहा कि यह धरोहरें सिर्फ धार्मिक आस्था से नहीं जुड़ी हैं, बल्कि जिले की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान का आधार भी हैं. इसलिए विकास के पहले चरण में इन सभी तीर्थ स्थलों और कूपों के पुनरुद्धार को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया कि इस अभियान को तेजी से और वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाया जाए ताकि इन स्थलों का ऐतिहासिक स्वरूप संरक्षित रह सके.

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म्यूजियम, लाइट एंड साउंड व अन्य परियोजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण में ऐसी योजनाओं पर ध्यान दिया जाएगा, जो संभल को पर्यटन के नए नक्शे पर स्थापित कर सकें. इसमें आधुनिक म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो और सांस्कृतिक केंद्र जैसी परियोजनाओं को शामिल किया गया है. उनका मानना है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि जिले में पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.

न्यायिक और सुरक्षा ढांचे में बड़े सुधार की तैयारी

बैठक में जनपद न्यायालय, कारागार और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) की नई इकाई की स्थापना पर भी गंभीर विचार हुआ. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि इन तीनों ही परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. उन्होंने कहा कि मजबूत न्यायिक ढांचा और सुरक्षा व्यवस्था किसी भी जिले के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है, इसलिए इन परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की देरी अस्वीकार्य है.

इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स: सभी विभाग एक परिसर में

मुख्यमंत्री योगी को बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए 93 प्रतिशत भूमि का क्रय किया जा चुका है. इस कॉम्प्लेक्स में सभी प्रमुख विभागों के कार्यालय एक ही परिसर में स्थापित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने इस परियोजना की डीपीआर तत्काल तैयार करने और कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस कॉम्प्लेक्स के बनने से प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता दोनों बढ़ेंगी.

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24 कोसी परिक्रमा मार्ग और सार्वजनिक सुविधाएं

समीक्षा बैठक में 24 कोसी परिक्रमा मार्ग से जुड़ी परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि परिक्रमा मार्ग के आसपास की सड़कें मजबूत की जाएं और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के पास सार्वजनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाए. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मार्ग का हर वर्ष उपयोग करते हैं, इसलिए उनके लिए बेहतर सड़क, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए.

महिष्मती नदी के पुनरुद्धार पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने महिष्मती नदी के पुनरुद्धार कार्य की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी. उन्होंने कहा कि नदियां किसी भी क्षेत्र की जीवनरेखा होती हैं और इनके संरक्षण के लिए सरकार बेहद संजीदगी से काम कर रही है. नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत महिष्मती नदी के लिए एक विशेष प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि जलधाराओं को जीवित रखने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाए और प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए.

नगर विकास की योजनाओं की समीक्षा

बैठक में नगर विकास विभाग की कई महत्वपूर्ण योजनाओं—जैसे वंदन योजना, मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना, अंत्येष्टि स्थल विकास योजना, नगरीय जल विकास योजना, झील/पोखर/तालाब संरक्षण योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना—की भी गहन समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं शहरों के समग्र विकास से जुड़ी हैं और इनमें किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं को समयसीमा के भीतर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए.

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हरित ऊर्जा की ओर कदम

संभल में प्रस्तावित कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट की प्रगति पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना जिले के लिए एक नई ऊर्जा क्रांति साबित होगी, क्योंकि इससे न केवल जैविक कचरे का उपयोग होगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जमीन, तकनीक और अनुमोदन से जुड़ी प्रक्रियाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जाए ताकि प्लांट का निर्माण जल्द शुरू हो सके.

जनपद को विकास का नया मॉडल बनाने की तैयारी

बैठक के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि संभल को विकास का एक मॉडल जनपद बनाने के लिए पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें. उन्होंने कहा कि विकास के हर आयाम—संरचना, संस्कृति, विरासत, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा—पर बराबर ध्यान दिया जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करते रहें और किसी भी प्रकार की बाधा आने पर तुरंत शासन को सूचित करें.

संभल जिले के लिए बनाई गई यह समग्र विकास रूपरेखा संकेत देती है कि उत्तर प्रदेश सरकार जनपद को न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से, बल्कि प्रशासनिक और औद्योगिक दृष्टि से भी नए स्तर पर ले जाने के लिए गंभीर है. आने वाले महीनों में इन योजनाओं पर कार्य और तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है.

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