राजधानी लखनऊ स्थित स्पेशल एनआईए कोर्ट (NIA Court) में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम ब्लास्ट (Bhopal-Ujjain Passanger Train Bomb Blast Case) मामले के दोषियों के खिलाफ सुनवाई पूरी हुई. अब मंगलवार को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. सोमवार को आठों आतंकियों को कोर्ट में लाकर पेश किया गया था.
जानकारी के मुताबिक, एनआईए कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी के समक्ष सभी आरोपियों ने कहा था कि हम सभी अलग-अलग मामलों 15 साल से जेल में हैं, अब हम लोगों को बरी कर दिया जाए. इस पर न्यायाधीश विवेकानंद त्रिपाठी ने कहा, ''मामले में जो आखिरी फैसला आएगा, उसमें इस सजा को जोड़ा जाएगा.''
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सजा के बिंदुओं पर हुई थी सुनवाई
वहीं, इस मामले में एनआईए कोर्ट के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बृजेश यादव ने बताया कि 24 फरवरी को कोर्ट ने 8 आतंकियों को दोषी पाया था और आज सजा के बिंदुओं पर सुनवाई थी. हम लोगों ने अपनी तरफ से बहस में आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की है.
उन्होंने आगे कहा कि आतंकियों ने का किया अपराध बहुत ही गंभीर है. उन्होंने भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने का काम किया था. साथ ही प्रतिबंधित आईएसआई संगठन की विचारधारा से प्रेरित होकर रमेश बाबू शुक्ला नाम के व्यक्ति की हत्या की थी.
आतंकियों पर धारा 121 के तहत केस दर्ज
बृजेश यादव ने कहा है कि आतंकियों पर धारा 121 के तहत केस दर्ज है. इसमें आजीवन कारावास और मृत्युदंड की सजा शामिल है. हमारी मांग है कि इन्हें ऐसी सजा मिले, जिसे सुन आगे से कोई ऐसा अपराध न करे. साथ ही बृजेश यादव ने बताया कि मंगलवार को मामले में सजा का ऐलान होगा. फैसला लंच के बाद आएगा.
ये आंतकी हुए थे गिरफ्तार, ठहराया गया था दोषी
24 फरवरी को कोर्ट ने 8 आतंकी सैयद अमीर हुसैन, आतिफ मुजफ्फर, आसिफ इकबाल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद आतिफ, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद और मोहम्मद अजहर को ट्रेन बम ब्लास्ट मामले में दोषी ठहराया था.
जनरल कोच में हुआ बम धमाका
गौरतलब है कि भोपाल से 70 किमी दूर कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास 7 मार्च 2017 को सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर (59320) ट्रेन के जनरल कोच में बम ब्लास्ट हुआ था. इस वारदात में 9 लोग जख्मी हो गए.
ब्लास्ट के बाद डिब्बे में अफरा-तफरी मच गई. कुछ लोग ट्रेन से कूद गए, जिसकी वजह से उन्हें चोटें आईं. इनमें कुछ बुजुर्ग भी शामिल थे. धमाके की आवाज सुनकर कुछ लोगों चेन खींचकर ट्रेन को रोका था.
सैफुल्ला ने कहा था- मरना पसंद करूंगा
तेलंगाना पुलिस ने ट्रेन बम ब्लास्ट के कुछ देर बाद ही आतंकियों के नाम सहित लखनऊ, कानपुर और कई शहरों में इनके छिपने के ठिकाने बता दिए थे. इसके बाद 7 मार्च 2018 को ही लखनऊ में एटीएस ने आतंकी सैफुला को घेर लिया था.
उससे सरेंडर के लिए कहा गया, लेकिन उसने कहा कि वह सरेंडर करने के बजाय मरना पसंद करेगा. करीब 11 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद सैफुला को मार गिराया गया है. हालांकि, पुलिस उसे जिंदा पकड़ना चाहती थी.