scorecardresearch
 

नाम, हुलिया, ठिकाना बदला, कर ली शादी... प्रदीप से बना अब्दुल, 36 साल तक पुलिस को दिया चकमा

बॉलीवुड फिल्मों में अक्सर देखने को मिलता था कि क्राइम करने के बाद अपराधी किस तरीके से नाम और हुलिया बदलकर पुलिस को चकमा देते थे. कुछ ऐसा ही मामला यूपी के बरेली में सामने आया है. यहां अपराधी ने 36 साल तक पुलिस से बचने के लिए अपनी पहचान ही नहीं बदली, बल्कि अपना धर्म और स्थान बदलकर जिंदगी गुजारने लगा. अब 36 साल बाद बरेली पुलिस ने उसे पकड़ लिया है.

Advertisement
X
36 साल बाद प्रदीप को किया गया गिरफ्तार. (Photo: Representational)
36 साल बाद प्रदीप को किया गया गिरफ्तार. (Photo: Representational)

कभी बॉलीवुड फिल्मों में अपराधियों को नाम, पहचान और ठिकाना बदलकर पुलिस से बचते हुए दिखाया गया, लेकिन अब यह कहानी हकीकत में बरेली से सामने आई है. यहां का 70 साल का अपराधी प्रदीप कुमार सक्सेना 36 साल तक फरार रहने के बाद पकड़ा गया है.

मामला थाना प्रेम नगर क्षेत्र का है. प्रदीप कुमार सक्सेना पर 1987 में हत्या (धारा 302) और चोरी (धारा 379) के मामलों में वारंट जारी था. सजा मिलने के बाद पैरोल लेकर वह फरार हो गया और तब से पुलिस की निगाहों से दूर रहा. प्रदीप ने अपना नाम अब्दुल रहीम उर्फ सक्सेना ड्राइवर रख लिया, धर्म भी बदल लिया और मुरादाबाद के मोहल्ला करूला में रहने लगा. यहां उसने एक मुस्लिम विधवा महिला से शादी कर ली.

यहां देखें Video

बरेली पुलिस के अनुसार, हाई कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2025 को आदेश दिया था कि प्रदीप को चार सप्ताह के भीतर गिरफ्तार करके सीजेएम बरेली के समक्ष पेश किया जाए. आदेश के बाद एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सीओ नगर प्रथम आशुतोष शिवम की निगरानी में विशेष टीम गठित की गई. टीम ने मामले की कड़ियों को जोड़ते हुए आरोपी के ठिकाने तक पहुंचने की योजना बनाई.

Advertisement

पुलिस ने पहले प्रदीप के पैतृक कस्बा शाही में तलाशी ली. वहां के लोगों से पता चला कि वह लगभग 36 साल पहले ही गायब हो गया था. उसके भाई सुरेश बाबू और पत्नी ने जानकारी दी कि प्रदीप ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और मुरादाबाद के मोहल्ला करूला में रहकर ड्राइवरी कर रहा है. इसके बाद पुलिस ने बिना देरी किए उसे गिरफ्तार कर लिया.

यह भी पढ़ें: रामपुर का 70 वर्षीय हिस्ट्रीशीटर जंजाली उर्फ जलालुद्दीन 43 साल बाद गिरफ्तार, पुलिस ने दिल्ली से दबोचा

एसपी सिटी मानुष पारीक ने कहा कि साल 1987 में थाना प्रेमनगर में एक केस दर्ज किया गया था. इस केस में जो धाराएं थीं, उनमें अभियुक्त को सजा हुई थी, उसका नाम प्रदीप सक्सेना था. सजा के बाद वह हाई कोर्ट चला गया. उसी समय उसको पैरोल मिली. पैरोल जंप करके वह फरार हो गया. पिछले 36 साल से फरार था. हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि उसे गिरफ्तार किया जाए.

कोर्ट के आदेश पर इस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है. जब थाना प्रेम नगर पुलिस ने प्रदीप को गिरफ्तार किया तो कई बातें सामने आईं. उसने अपनी पहचान छिपाई, अपना हुलिया बदला और धर्म भी बदल लिया, जिससे पुलिस गिरफ्तार न कर सके. उसने अपना नाम अब्दुल हमीद रख लिया था, पता भी बदल दिया था.

Advertisement

बरेली छोड़कर शाही मूल पता को छोड़कर मुरादाबाद में रहने लगा था. मुस्लिम विधवा महिला से शादी भी कर ली थी. 36 साल की फरारी के बाद थाना प्रेम नगर में दर्ज पुराने मामले के तहत उसे गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से कोई हथियार या अवैध सामग्री नहीं मिली. पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement