बांग्लादेश में हिंदू नागरिक दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. इसी कड़ी में वाराणसी में भी विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंका और नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया.
वाराणसी के शास्त्री घाट से निकाले गए जुलूस में सैकड़ों लोग शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश का झंडा और प्रधानमंत्री यूनुस का पुतला ले जाकर कचहरी चौराहे पर विरोध जताया. इस दौरान उन्होंने हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों और धर्मांतरण की घटनाओं के खिलाफ नारेबाजी की. विहिप के विभाग मंत्री कन्हैया ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद बांग्लादेश में इस्लामी जिहादी गतिविधियां बढ़ी हैं और उनके निशाने पर हिंदू समुदाय के मंदिर, व्यवसाय, महिलाएं और नागरिक आए हैं.
दीपू दास की निर्मम हत्या
कन्हैया ने कहा, पिछले सप्ताह मेमन सिंह जिले के भालुका में दीपू दास नामक हिंदू श्रमिक की हत्या हुई. उन पर झूठे ईशनिंदा के आरोप लगाए गए. दीपू ने बातचीत में सिर्फ यह बताया था कि ईश्वर एक हैं और उनके विभिन्न रूप और नाम हैं. लेकिन जिहादी तत्वों ने इसे इस्लाम विरोधी बताया और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. दीपू का शव पेड़ पर लटका कर जलाया गया और घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए गए.
प्रशासन की निष्क्रियता और हिंदू समाज की प्रतिक्रिया
इस पूरी घटना के दौरान स्थानीय प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. विहिप और बजरंग दल ने इसे प्रशासनिक निष्क्रियता बताया और कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का खुला हनन किसी भी सभ्य समाज में मानवता के खिलाफ अपराध है. उन्होंने बांग्लादेश सरकार से मांग की कि हिंदू विरोधी हिंसा रोकने, अपराधियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाने और ऐसे मामलों में प्रशासनिक निष्क्रियता न बरतने के लिए तुरंत कार्रवाई की जाए.
वाराणसी में हिन्दू संगठन की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान विहिप और बजरंग दल ने कहा कि यदि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी रही, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिंदू समाज अपनी आवाज बुलंद करेगा. उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि दीपू दास की हत्या के पीछे जिम्मेदार जिहादी तत्वों और उनकी मदद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.