scorecardresearch
 

बांदा का शातिर सिपाही! फर्जी कोर्ट ऑर्डर बनाकर खुद को बरी दिखाया, बहाली भी कराई और प्रमोशन भी ले गया

बांदा में तैनात रहे सिपाही भाईलाल ने भ्रष्टाचार और मारपीट के पुराने केस से बचने के लिए कोर्ट के फर्जी दस्तावेज बनवाए और खुद को निर्दोष दिखाकर विभाग से बहाली और प्रमोशन भी ले लिया. केस की तारीखों पर पेश न होने पर अदालत ने प्रगति रिपोर्ट मांगी तो फर्जीवाड़ा खुल गया. एसपी पलाश बंसल के आदेश पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज इस्तेमाल की एफआईआर दर्ज की गई है.

Advertisement
X
एसपी के आदेश पर FIR दर्ज.(File Photo: ITG)
एसपी के आदेश पर FIR दर्ज.(File Photo: ITG)

यूपी के बांदा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां आरोप है कि एक पुलिस कांस्टेबल ने भ्रष्टाचार और मारपीट जैसे गंभीर केस से बचने के लिए अदालत के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए. यही नहीं, उसने उन दस्तावेजों से न सिर्फ विभाग को गुमराह किया, बल्कि बहाली भी करा ली और प्रमोशन तक ले लिया. मामला खुलने पर एसपी पलाश बंसल ने नाराजगी जताई और तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.

नरैनी कोतवाली पुलिस ने आरोपी सिपाही के खिलाफ गुमराह करने, धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज के इस्तेमाल की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस अब आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ आगे की कार्रवाई में जुटी है. यह मामला बांदा पुलिस विभाग में चर्चा का प्रमुख मुद्दा बना हुआ है.

यह भी पढ़ें: बांदा: जिसकी 'दहेज हत्या' का दावा कर रहे थे पिता, वो महाराष्ट्र में जिंदा मिली

फर्जी दस्तावेज से खुद को बनाया निर्दोष

मामला नरैनी कोतवाली क्षेत्र का है. मिर्जापुर के रहने वाले कांस्टेबल भाईलाल 1995 से 2011 तक बांदा में तैनात रहे. 2005 में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम, घर में घुसकर मारपीट और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी. विवेचक ने उसी साल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और केस ट्रायल पर चल रहा था. आरोप है कि इसी दौरान भाईलाल हर तारीख पर कोर्ट में कोई न कोई बहाना बनाकर तारीख बढ़वाता रहा.

Advertisement

चलते-चलते उसने कोर्ट के फर्जी आदेश तैयार करवा लिए, जिसमें दिखाया गया कि वह केस में दोषमुक्त है. 28 जून 2016 को उसने यही कूटरचित दस्तावेज अपने विभाग को दे दिए. विभाग ने दस्तावेजों को असली मानते हुए उसका निलंबन रद्द कर दिया. वह फिर से नौकरी पर आ गया और कई साल तक सेवा देता रहा. इतना ही नहीं, उसे हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोशन भी मिल गया.

जांच में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

2024 में जब वह बार-बार कोर्ट में पेश नहीं हुआ, तो अदालत ने 12 जून को केस की प्रगति रिपोर्ट मांगी. जब पुराने रिकॉर्ड खोले गए, तो पता चला कि अदालत की तरफ से कभी भी ऐसी कोई दोषमुक्त करने वाली आदेशावली जारी ही नहीं हुई थी. यहीं से पूरा घपला पकड़ा गया और खुलासा हुआ कि सिपाही ने दस्तावेज़ खुद बनवाए थे.

जांच में यह भी साफ हुआ कि विभाग ने जो दस्तावेज मान लिए थे, वे पूरी तरह फर्जी थे. एसपी पलाश बंसल को जब पूरा मामला बताया गया, तो उन्होंने तुरंत आरोपी के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. आरोपी सिपाही भाईलाल इस समय फतेहपुर में तैनात है.

एसपी के आदेश पर FIR, आगे सख्त कार्रवाई की तैयारी

Advertisement

एसपी पलाश बंसल ने बताया कि मामला पुराना जरूर है, लेकिन विभागीय जांच में फर्जी दस्तावेज देने का तथ्य पहली बार सामने आया है. इसलिए जांच कर मुकदमा दर्ज किया गया है. अब पुलिस आरोपी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है. पुलिस विभाग में इस घटना को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी धोखाधड़ी इतने साल कैसे दबाई गई.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement