उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बलिया की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया है. यह मामला करीब 10 साल पुराना है और धारा 144 के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है. मंत्री के अदालत में पेश न होने के चलते यह कार्यवाही की गई है.
जानकारी के अनुसार, यह मामला वर्ष 2013 का है, जब जिले में लागू धारा 144 के बावजूद दयाशंकर सिंह ने एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया था. उस समय प्रशासन ने इसे कानून व्यवस्था के उल्लंघन के रूप में दर्ज करते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज किया था. तब से यह मामला न्यायालय में लंबित है.
अदालत ने कई बार मंत्री को समन और हाजिरी नोटिस भेजे, लेकिन वे पेश नहीं हुए. आखिरकार, कोर्ट ने इस बार सख्त रुख अपनाते हुए गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है. अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 1 नवंबर तय की है और साफ निर्देश दिया है कि मंत्री को अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा.
मंत्री की ओर से अदालत में उपस्थित होने का कारण बताया गया है या नहीं, इस बारे में जानकारी सामने नहीं आई है. फिलहाल कोर्ट के आदेश के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. अदालत की अगली सुनवाई में इस मामले पर आगे की दिशा तय होगी.