बागपत के गांगनौली गांव की मस्जिद में मौलाना की पत्नी और उसकी दो मासूम बच्चियों की हत्या के बाद मस्जिद में सन्नाटा पसरा है, और गांव की गलियां सूनी पड़ गई हैं. आजतक ने जब वहां के स्थानीय लोगों से बात की तो लोगों ने मृतका के परिवार के आरोपों को गलत ठहराया और पुलिस के खुलासे को सही बताया.
कभी हर सुबह यहां की गलियों में कुरान की तिलावत गूंजती थी. नमाज के बाद बच्चे मुफ़्ती इब्राहिम से कुरान पढ़ने आते थे. वहीं कमरे में अब सन्नाटा पसरा है, क्योंकि वहीं से तीन लाशें मिली थीं. मौलाना की पत्नी इसराना और उनकी दो नन्ही बेटियों की हत्या कर दी गई थी.
मुफ़्ती इब्राहिम सालों से बच्चों को कुरान शरीफ की शिक्षा देते आ रहे थे. उन्हीं के पास एक किशोर आता था, नाम था रिहान. शुरुआत में वह मेहनती और शांत स्वभाव का छात्र था, लेकिन वक्त के साथ उसका ध्यान पढ़ाई से भटकने लगा. मुफ़्ती ने उसे कई बार समझाने की कोशिश की. कभी प्यार से, कभी सख्ती से. पत्नी इसराना भी रिहान को अनुशासन में रखने का प्रयास करती रहीं. पर शायद किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह सख्ती एक दिन इतनी भयानक कीमत वसूल करेगी.
रिहान बदले की आग में जल रहा था
धीरे-धीरे रिहान के भीतर गुस्सा और नफरत घर करने लगी. वह कुरान से दूर होता चला गया और उसी दूरी ने उसके दिल में बदले की आग जला दी. कुछ दिन पहले उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर एक साजिश रची. उन लोगों से बदला लेने की, जिन्होंने उसे बार-बार डांटा और सुधरने को कहा था.
रात में मस्जिद में दाखिल होकर बरपाया कहर
एक रात रिहान चोरी-छिपे मस्जिद में दाखिल हुआ. सबसे पहले उसने CCTV के डीवीआर रूम में जाकर रिकॉर्डिंग डिलीट की, ताकि उसके कदमों के निशान मिट जाएं. इसके बाद वह उस कमरे में गया, जहां मौलाना की पत्नी सोई हुई थीं. हाथ में हथौड़ा था और मन में बदले की आग. कुछ ही पलों में उसने ताबड़तोड़ वार कर उनकी जान ले ली.
बेटियों को भी नहीं छोड़ा जिंदा
शोर सुनकर मौलाना की पांच साल की बेटी जाग गई. उसने जो देखा, वह किसी भी बच्चे के लिए भयावह था. वह मदद के लिए चिल्लाई, भागने की कोशिश की. लेकिन रिहान ने उसे भी मौत के घाट उतार दिया. सबसे छोटी बच्ची भी उसकी दरिंदगी का शिकार बन गई. कुछ ही मिनटों में तीन मासूम ज़िंदगियां बुझ गईं.
CCTV फुटेज में दिखे कातिल के कदम
घटना से पहले का फुटेज अब सामने आया है, जिसमें रिहान और उसका साथी मस्जिद में प्रवेश करते और डीवीआर रूम तक जाते नजर आते हैं. इसके बाद कैमरे बंद कर दिए गए थे. जब मौलाना देवबंद से लौटे, तो उनके घर की रौनक सदा के लिए खत्म हो चुकी थी.
मौलाना ने बताया अपना दर्द
रोते हुए मौलाना इब्राहिम ने कहा, 'मेरी बेटी ने कुछ देर पहले मैसेज किया था, अब्बू, रिहान जैसा खिलौना लाना. मुझे क्या पता था कि वही रिहान मेरी बेटियों का सब कुछ छीन लेगा.' जहां कभी कुरान की आवाज गूंजती थी, आज वहां मातम पसरा है. दीवारें खामोश हैं, लेकिन हर कोना गवाही दे रहा है कि कैसे एक नाफरमान शिष्य ने अपने उस्ताद की पूरी दुनिया उजाड़ दी.