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आंगनबाड़ी पोषण को खराब क्वालिटी का बताया, जांच में कोई कमी नहीं निकली... भोजपुरी सिंगर पर FIR

यूपी के भदोही में भोजपुरी सिंगर राजेश परदेसी के सोशल मीडिया पोस्ट से बवाल मच गया. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार की क्वालिटी पर सवाल उठाया था. लेकिन मजिस्ट्रियल जांच में खराब फूड क्वालिटी वाली पोस्ट झूठी साबित हुई. अब पुलिस ने सिंगर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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भोजपुरी फोक सिंगर के खिलाफ एक्शन. (Photo: Representational)
भोजपुरी फोक सिंगर के खिलाफ एक्शन. (Photo: Representational)

उत्तर प्रदेश के भदोही में भोजपुरी लोकगायक राजेश कुमार गुप्ता उर्फ राजेश परदेसी ने बीते महीने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था. इस पोस्ट में सिंगर ने आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जाने वाले पोषण आहार की क्वालिटी पर सवाल उठाए थे. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सिंगर ने अपनी निजी राय और अप्रमाणिक जानकारी के आधार पर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, जिससे बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों पर गलत असर पड़ सकता था. 

एजेंसी के अनुसार, 17 सितंबर को किए गए इस पोस्ट में सिंगर ने दावा किया कि बच्चों को जो पोषण सप्लीमेंट्स दिए जा रहे हैं, उनकी क्वालिटी बहुत है. पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री का टैग किया. इस पोस्ट के वायरल होते ही स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया और जिले के मंडलायुक्त (DM) शैलेश कुमार ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए.

जांच की जिम्मेदारी चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर (CDPO) जितेन्द्र उपाध्याय को सौंपी गई. उन्होंने पूरे मामले को लेकर जांच की और पाया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बांटे जाने वाले पोषण सप्लीमेंट्स की क्वालिटी अच्छी थी. इस लिहाज से राजेश परदेसी का पोस्ट विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाने और अफवाह फैलाने के उद्देश्य से किया गया था.

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CDPO जितेन्द्र उपाध्याय ने मामले के आधार पर शिकायत दर्ज कराई और जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए.

इसके बाद नेचुरल जांच के आधार पर पुलिस ने 30 सितंबर को राजेश परदेसी के खिलाफ मामला दर्ज किया. भदोही जिले के गाहरपुर निवासी इस सिंगर के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिस ने कहा कि आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है.

राजेश परदेसी की पोस्ट ने आंगनबाड़ी कर्मचारियों और जिला प्रशासन की मेहनत और प्रयासों पर सवाल उठाया था. लेकिन मजिस्ट्रियल जांच में यह पोस्ट झूठी साबित हुई. सरकारी विभाग और स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी अफवाह पर वह गंभीर कार्रवाई करेंगे. किसी भी तरह के भ्रम फैलाने वाले के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे.

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