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रेव पार्टी में जहर की सौदेबाजी पर एक्शन, जब्त किए सैंपल की जांच करेगी लखनऊ की लैब

कोर्ट ने इजाजत दी है कि बरामद किया गया जहर किस सांप का है, कितना घातक है, इसकी जांच लखनऊ लैब करे. वहीं NWCCB (National Wild Life Crime Control Bureau) भी इस मामले की जांच करेगा. अदालत के दखल के बाद अब नोएडा पुलिस द्वारा बरामद किए गए सांप के जहर को अब जांच के लिए लखनऊ की लैब भेजा जाएगा.

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एल्विश यादव से जुड़ा है सांप के जहर का मामला
एल्विश यादव से जुड़ा है सांप के जहर का मामला

नोएडा पुलिस द्वारा बरामद किए गए सांप के जहर को अब जांच के लिए लखनऊ की लैब भेजा जाएगा. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कोर्ट ने इजाजत दी है कि बरामद किया गया जहर किस सांप का है, कितना घातक है, इसकी जांच लखनऊ लैब करे. वहीं NWCCB (National Wild Life Crime Control Bureau) भी इस मामले की जांच करेगा.

यूपी के वन्य जीव विभाग की तरफ से NWCCB को पत्र लिखा गया है. रेव पार्टी में सांपों की आपूर्ति में यूपी के बाहर कई अन्य राज्यों के कनेक्शन मिलने के बाद प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने केंद्रीय ब्यूरो को पत्र लिखा है. नोएडा पुलिस की कार्रवाई के बाद वन विभाग के गौतम बुद्ध नगर सेक्टर ने भी इस मामले को लेकर केस दर्ज किया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएफओ जांच कर कोर्ट में केस दर्ज करेंगे. अब तक की जांच में स्नेक वेनम सप्लायर के तार दक्षिण के राज्यों से जुड़े हैं. 

नोएडा पुलिस ने बरामद किए 9 सांप

बता दें कि दो नवंबर को नोएडा पुलिस ने वन विभाग के साथ छापेमारी कर पांच लोगों को 9 सांपों के साथ गिरफ्तार किया था. इन 9 में से 5 सांप तो कोबरा हैं जो बेहद जहरीले सांप होते हैं. इसके अलावा पुलिस ने उनके पास से एक अजगर, एक घोड़ा पछाड़ सांप भी बरामद किया. पुलिस ने आरोपियों के पास से 20ml सांप का जहर भी बरामद किया. जानकारी में यह बात सामने आई है कि जहर का इस्तेमाल एनसीआर में होने वाली रेव पार्टी में किया जाना था.

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मामले से जुड़ा एल्विश यादव का नाम

यह पूरा मामला प्रकाश में तब आया जब एक एनजीओ के शिकायतकर्ता ने नोएडा पुलिस को लिख कर दिया कि उन्हें सपेरे राहुल का नंबर एल्विश यादव के जरिए मिला था. फिर पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की उसमें पांच सपेरो के अलावा एल्विश यादव का भी नाम है. हालांकि पुलिस का कहना है कि एल्विश के ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वह वेरीफाई किए जा रहे है. पुलिस अभी तथ्यों की तलाश में है और जब सबूत मिलेंगे तभी आगे कार्रवाई की जाएगी.

अब सवाल यह उठता है कि जिस कोबरा के काटने से चंद मिनट में लोगों की मौत हो जाती है, इस कोबरा के जहर को नशे की तरह भला कोई कैसे इस्तेमाल कर सकता है.

जहर से कैसे बनाया जाता है नशा

गौरतलब है कि देश में 30 प्रतिशत ही सांप जहरीले पाए जाते हैं. इनमे कुछ का जहर सीधे दिमाग पर असर करता है और पैरालिसिस अटैक आता है. जबकि कुछ के जहर का असर खून में होता है और खून जमने लगता है. आमतौर पर नशे के लिए उस जहर का इस्तेमाल किया जाता है जो दिमाग पर असर करता है.

सांप के जहर से नशा बनाते वक्त बेहद सावधानी बरती जाती है, खासतौर से डोज हल्की हो इसका ध्यान रखा जाता है. जहर में कुछ दूसरे केमिकल भी मिलाए जाते हैं ताकि डोज हल्का रहे और सामने वाले को नशा हो कुछ घंटों के लिए दिमाग सुन्न पड़ जाए. जहां तक बात कोबरा और वाइपर की है इनका जहर खून को जमा देता है.

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कैसे करता है असर?

सांप के जहर से बना नशा आमतौर पर जो नशा उपलब्ध है उनसे अलग होता है, यह शराब और यहां तक कि ड्रग्स से भी कही ज्यादा तेज़ चढ़ती है और देर तक रुकती है. लेकिन कई बार यह खतरनाक भी साबित हो जाती है अगर गलती से सांप के जहर से बने नशे को किसी ने ज्यादा मात्रा में ले ली तो मौत भी संभव है.

जानकारी के मुताबिक रेप पार्टी में अब कुछ युवा सांप के जहर का नशा करने लगे हैं. यहां तक कि कुछ सांपों से सीधे कटवाते भी हैं. ऐसी रेव पार्टी में सपेरे सांपों को लेकर पहुंचते हैं और लोगों को उनसे कटवाया जाता है.

दवा में भी होता है जहर का इस्तेमाल

सांप के जहर का इस्तेमाल चिकित्सा पद्धति में तो काफी पहले से होता आया है. इसके साथ ही कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल नशे के तौर पर भी शुरू कर दिया. सांपों के जहर का इस्तेमाल एंटी वेनम के रूप में भी किया जाता है. कोबरा के जहर से तो कई दवाइयां बनती हैं. खासतौर से हार्ट स्ट्रॉ के भूलने की बीमारी में इनका इस्तेमाल होता है.

बेहद महंगा बिकता है कोबरा का जहर

सांप का शहर बेहद महंगा बिकता है और अगर कोबरा कहे तो उसकी तो कोई कीमत ही नहीं है. एक-एक बूंद की कीमत लाखों रुपए तक जा सकती है. ऐसे में जब सांप के जहर से नशा बनाया जाता है तो कई केमिकल का इस्तेमाल कर उसकी मात्रा बढ़ा दी जाती है.

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मेनका गांधी के एनजीओ ने किया था स्टिंग ऑपरेशन

दरअसल, बीजेपी नेता मेनका गांधी के एनजीओ PFA (People for Animal) ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. इसके बाद एनिमल वेलफेयर ऑफिसर के पद पर कार्यरत गौरव गुप्ता ने नोएडा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें एल्विश का भी नाम है.

बकौल गौरव नोएडा में इस तरह की गतिविधियों की सूचना मिल रही थी. पता चला था कि, यूट्यूबर एल्विश यादव नोएडा-एनसीआर के फार्म हाउसों में कुछ लोगों के साथ मिलकर स्नेक वेनम और जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट कराते हैं. इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियों को आयोजित कराने की भी जानकारी मिली थी.

सेवरोन बैंक्वेट हॉल में सांप लेकर पहुंचे

इसके बाद एक मुखबिर ने एल्विश यादव से संपर्क किया. बात करने पर एल्विश ने राहुल नाम के एक एजेंट का नंबर दिया और कहा कि उनका नाम लेकर बात कर लो. इसके बाद मुखबिर ने राहुल से संपर्क करके पार्टी आयोजित करने के लिए बुलाया. शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस को दी. दो नवंबर को आरोपी सेवरोन बैंक्वेट हॉल में सांप लेकर पहुंच गए. उसी दौरान वन विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ को पकड़ा था.

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