भारत में मेट्रो सिटी में घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतों के चलते यह मिडिल क्लास के लिए मुश्किल होता जा रहा है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें गुड़गांव और अमेरिका के न्यूयॉर्क में प्रॉपर्टी के दामों की दिलचस्प तुलना की गई है.
हैरानी की बात यह है कि न्यूयॉर्क जैसे शहर में प्रॉपर्टी का रेट गुड़गांव की तुलना में कम है. जितनी कीमत में गुड़गांव एक फ्लैट दे रहा है, उतनी ही कीमत में न्यूयॉर्क में एक विला मिल रहा है.
गुरुग्राम के 4BHK या न्यूयॉर्क का 6BHK?
मैनेजमेंट एडवाइजर गुरजोत अहलूवालिया ने X पर एक पोस्ट शेयर की. उन्होंने बताया गुड़गांव के डीएलएफ मैगनोलियास में 4BHK या 5BHK फ्लैट्स की कीमत न्यूयॉर्क के मैनहट्टन के 6BHK पेंटहाउस के बराबर है. पोस्ट लिखते हुए उन्होंने कैप्शन दिया- अगर आपके पास $3 मिलियन (लगभग 25 करोड़) हों, तो आप कहां घर खरीदना पसंद करेंगे? न्यूयार्क या गुरुग्राम
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न्यूयॉर्क का लग्जरी अपार्टमेंट और गुरुग्राम का साधारण फ्लैट
गुरजोत की पोस्ट में दिखाए गए डीएलएफ मैगनोलियास के अपार्टमेंट्स में स्विमिंग पूल, स्पा, जिम, ग्रीन गार्डन, और कवर पार्किंग जैसी लक्ज़री सुविधाएं उपलब्ध हैं. दूसरी ओर, न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में 6BHK लग्जरी अपार्टमेंट भी इसी कीमत में मिल रहा है, लेकिन दुनिया के सबसे महंगे शहरों में से एक होते हुए भी यह लगभग गुड़गांव जितना ही महंगा है.
'भारत में प्रॉपर्टी रेट्स पर कोई रेगुलेशन नहीं है'
गुरजोत की इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर कई कमेंट्स आ रहे हैं. यूजर्स गुड़गांव और न्यूयॉर्क के प्रॉपर्टी रेट्स की इस तुलना पर जमकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने हाल ही में अपने अमेरिका दौरे का अनुभव साझा किया, जिसमें उन्होंने अक्टूबर 2024 में अपने यूएस ट्रिप के दौरान एक सुंदर 3 बीएचके बंगला देखा। इस बंगले में हरे-भरे लॉन की सुंदरता और बेहतरीन कनेक्टिविटी थी, जो सीधे डाउनटाउन से मेट्रो के जरिए जुड़ी हुई थी.
उन्होंने बताया कि इसकी कीमत भारतीय रुपये में करीब 4 से 5 करोड़ के आसपास थी. वहीं एक और यूजर ने लिखा भारत में प्रॉपर्टी रेट्स पर कोई रेगुलेशन नहीं है. मनमर्जी से प्रॉपर्टी के दाम बढ़ा दिये जाते हैं. लोगों के मजबूरी का फायदा उठाया जाता है.
'रियल स्टेट के नाम पर भारत में मिडिल क्लास को लूटा जा रहा है'.
रियल एस्टेट के नाम पर भारत में मिडिल क्लास को लूटा जा रहा है. वहीं, कुछ का कहना है कि भारत और विकसित देशों के बीच रियल एस्टेट में असमानता की एक वजह बिल्डरों की मनमर्जी है. लोग अच्छे अवसरों की तलाश में गुड़गांव या नोएडा जैसे शहरों में जाते हैं, जहां उनकी मजबूरी का फायदा उठाया जाता है. हैरानी की बात है कि इस लूट पर सरकार भी आंखें मूंदे रखती है.