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खून पीने वाला ड्रैकुला ... क्या सच में था ऐसा राजा, जानें क्या है इसकी कहानी

ड्रैकुला... इस नाम से हर कोई वाकिफ है. किस्सों-कहानियों का एक ऐसा कैरेक्टर जो लोगों का खून पीता है. इस पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं. ड्रैकुला की कहानी भले ही काल्पनिक हो, लेकिन इस डरावने और भयावह कैरेक्टर को गढ़ने की प्रेरणा जहां से मिली, वो घटनाएं सच्ची थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ड्रैकुला सच में था जो लोगों का खून पी जाता था? चलिए जानते हैं ड्रैकुला की पूरी कहानी.

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रोमानिया में ड्रैकुला नाम का एक राजा हुआ, जो अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता था (Photo - AI Generated)
रोमानिया में ड्रैकुला नाम का एक राजा हुआ, जो अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता था (Photo - AI Generated)

ड्रैकुला पर बनी कई फिल्मों में हम देख चुके हैं कि वह हर रात अपनी कब्र से उठता है और लोगों को मारकर उसका खून पी जाता है. ड्रैकुला असल में ब्रॉम स्ट्रोकर की किताब काउंट ड्रैकुला का मुख्य पात्र है. इसी कैरेक्टर पर  कई डरावनी फिल्में और सीरीज बनी हैं. 

 ब्रॉम स्ट्रोकर का यह डरावना कैरेक्टर, एक ऐतिहासिक शख्सियत से प्रेरित माना जाता है, जिसका वाकई में कभी अस्तित्व रहा था.  वह शख्स असल जिंदगी में इतना ज्यादा क्रूर, खूंखा और नृशंस था कि उसकी तुलना उस दौर के लोग नर पिचाश से करते थे. उस शख्स का नाम था - व्लाद - थर्ड द ड्रैकुला. लोग उसे ड्रैकुला के नाम से बुलाते थे.  

कौन था व्लाद - थर्ड द ड्रैकुला
15वीं शताब्दी में व्लाद - थर्ड द ड्रैकुला एक जीता-जागता इंसान था. लेकिन, उसने क्रूरता और नृशंसता की सारी हदें पार कर दी थी. वह वलेशिया का राजा था. उस वक्त ऑटोमन साम्राज्य से सटा एक राज्य था -  वलेशिया. यही वलेशिया  बाद में रोमानिया के नाम से जाना गया. यहां के राजा थे व्लाद द सेकेंड. यह राज्य यूरोप और ऑटोमन साम्राज्य के बीच में था.  

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ड्रैकुला कहां का राजा था
यूरोप और ऑटोमन के बीच धर्मयुद्ध में वलेशिया हमेशा ईसाईयों की तरफ से लड़ता था.  यूरोपीय धर्मयोद्धाओं का उस समय एक संगठन ऑर्डर ऑफ द ड्रैगन हुआ करता था. व्लाद इसी संगठन के सदस्य थे. उनके जज्बे और साहस के लिए व्लाद- 2 को ड्रैक्यूल नाम की एक उपाधि मिली थी. इसका मतलब ड्रैगन होता था. 

धर्मयुद्ध के बाद के दिनों में  वलेशिया में आंतरिक विद्रोह होने लगे. तब व्लाद -2 इसे दबाने के लिए ऑटोमन से दोस्ती कर ली और अपने दो बेटे व्लाद द थर्ड और राडू को ऑटोमन सुल्तान मोहम्मद- 2 के पास भेज दिया. उसने अपने बड़े बेटे मिरसिया को अपने पास रख लिया था. कुछ दिनों के बाद वलेशिया में विद्रोहियों ने व्लाद -2 और उनके बड़े बेटे को मार दिया. 

बड़ा होकर ड्रैकुला ने वलेशिया पर किया कब्जा
कुछ सालों बाद जब ड्रैक्यूल यानी व्लाद-2  का बड़ा बेटा व्लाद द थर्ड बड़ा हुआ तो उसने वलेशिया लौटने और उस पर कब्जा करने की मंशा जताई. वलेशिया लौटकर उसने सेना इकट्ठा किया और अपने पिता व्लाद -2 की उपाधि ड्रैक्यूल को अपना लिया और ऐसे उसका नाम व्लाद-थर्ड द ड्रेक्यूल या व्लाद ड्रैक्यूल हो गया.  

दुश्मनों के लिए पिशाच से कम नहीं था ड्रैकुला
व्लाद ड्रैक्यूल को लोग ड्रैकुला के नाम से पुकारने लगे. उसने वलेशिया पर कब्जा किया. फिर उन सारे सामंतों को खाने पर बुलाया, जिन्होंने उनके पिता और भाई की हत्या की थी. दावत के दौरान ही ड्रैकुला ने सभी विरोधियों की बेरहमी से हत्या कर दी. उसने अपने दुश्मनों को भाले की नोंक पर बैठाकर मरने के लिए छोड़ दिया. इस खौफनाक मंजर को देखकर ड्रैकुला का एक और नाम पड़ा- व्लाद  द इम्पेलर.

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धीरे-धीरे ड्रैकुला अपने दुश्मनों को बेरहमी से तड़पा-तड़पाकर मारने के लिए कुख्यात हो गया. ड्रैकुला को उनके पिता ने  ऑटोमन सुल्तान डर से दरबार को सौंप दिया था. यही वजह है कि ड्रैकुला हमेशा सुल्तान मोहम्मद -2 को अपना दुश्मन मानता था. उसने ऑटोमन साम्राज्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. 

ड्रैकुला की क्रूरता के किस्से 
लल्लन टॉप की एक रिपोर्ट के अनुसार, ड्रैकुला ने एक बार अपने खिलाफ आने वाले दो भाईयों को उबाल दिया और उसका सूप उसके परिवार वालों को पीने पर मजबूर कर दिया. एक बार रोमानिया की सीमा के अंदर घुस आए कुछ सैनिकों ने अपना साफा उतारने से इंकार कर दिया. फिर ड्रैकुला ने सभी के सिर में कील ठोंककर ऑटोमन साम्राज्य और रोमानिया के सीमा पर खंभे से लटका दिया था. 

100 किलोमीटर तक 25 हजार सैनिकों को भाले पर टांग दिया 
साल 1462 में आखिरकार ऑटोमन साम्राज्य ने वलेशिया पर धावा बोलकर ड्रैकुला को पकड़ने की ठानी. ऑटोमन अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते थे. लेकिन जब वे वलेशिया में दाखिल हुए तो 100 किलोमीटर तक नजारा देखकर सिहर उठे. क्योंकि ड्रैकुला ने  करीब 25 हजार ऑटोमन सैनिकों को भाले की नोंक पर टांग दिया था. भाले सैनिकों के शरीर को चीरते हुए निकल गए थे. भालों पर टंगे सैनिकों की कतार 100 किलोमीटर लंबी थी.

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ड्रैकुला की ऐसी ही क्रूरता के लिए उसे पिशाच की संज्ञा दी गई थी और इसी के नाम का इस्तेमाल ब्रॉम स्ट्रोकर ने सबसे डरावने और क्रूर पात्र काउंट ड्रैकुला को गढ़ने के लिए किया था. 

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