22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेज हो गया है. इस बीच पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने विदेशी भाड़े के सैनिकों को हायर किया है, जो संभावित भारतीय हमले की स्थिति में पाकिस्तानी टॉप अधिकारियों की रक्षा करेंगे. रिपोर्ट्स में दावा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ चुके अमेरिकी और ब्रिटिश प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों (PMCs) से जुड़े सैनिक अब पाकिस्तान में सक्रिय हैं.
क्या होती है PMC
PMC यानी Private Military Companies ऐसी निजी कंपनियां होती हैं जो पैसे के बदले युद्ध, सुरक्षा और ट्रेनिंग जैसी सेवाएं देती हैं.अमेरिका की ‘Forward Observations Group’ (FOG) और ब्रिटेन की ‘Delta PMC’ का नाम इसमें सामने आया है.सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स और तस्वीरें बताती हैं कि FOG के हथियारबंद सैनिक इस्लामाबाद और लाहौर जैसे शहरों में देखे गए हैं.यहां तक कि पाकिस्तान एयरफोर्स के नोहर खान एयरबेस से भी FOG से जुड़े सुराग मिले हैं.
देखें पोस्ट
लल्लनटॉप की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर कई ऐसे दावे किए जा रहे हैं पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ बढ़के तनाव को देखते हुए विदेशी निजी सैन्य कंपनियों (पीएमसी), डेल्टा पीएमसी और फॉरवर्ड ऑब्जर्वेशन्स ग्रुप, को अपने शीर्ष सैन्य अधिकारियों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया है.
क्या पीएमसी करेगी पाकिस्तानी जनरलों की सुरक्षा
डेल्टा पीएमसी, जिसमें पूर्व ब्रिटिश एसएएस ऑपरेटिव्स शामिल हैं. इसका पाकिस्तानी सेना के साथ समझौता बताया जा रहा है.जंग जैसे हालात से निपटने के लिए ये पीएमसी पाकिस्तानी जनरलों की सुरक्षा करेंगी,क्योंकि स्थानीय सैनिकों पर भरोसा नहीं है.
हालांकि रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इन दावों का कोई ठोस सबूत नहीं है और ये प्रचार हो सकते हैं. भारतीय डिफेंस रिसर्च विंग को इन अफवाहों का स्रोत बताया गया है.लेख यह भी उल्लेख करता है कि पाकिस्तान की सेना को आंतरिक आलोचना और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण ऐसी आउटसोर्सिंग की बात सामने आ सकती है.
लल्लनटॉप की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ खबरें ये भी दावा करती हैं कि इन PMC की आड़ में चीन की सेना से जुड़े लोग पाकिस्तान के LOC वाले इलाक़े में बंकर बना रहे हैं. साथ ही ड्रोन और UAV की सप्लाई भी चीन की ओर से हो रही है. इन सारी वजहों से पाकिस्तान के सर्विलांस और मारक क्षमता को कुछ हद तक बढ़त मिल रही है.