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इमरान खान से जुड़ी अफवाहों के बीच पाकिस्तान में क्यों ट्रेंड करने लगा '26 नवंबर नहीं भूलेंगे'?

पाकिस्तान में फैल रहीं अफवाहों, राजनीतिक टकराव और सुरक्षा एजेंसियों की लगातार कार्रवाई के बीच इमरान खान की सेहत और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. इसी माहौल में सोशल मीडिया पर एक ही बात जोर पकड़ रही है.देश में आखिर क्या ट्रेंड कर रहा है और जनता किस बात पर सबसे ज़्यादा चर्चा कर रही है.

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इमरान खान की राजनीतिक पार्टी PTI बड़ा प्रोटेस्ट करने की तैयारी कर रही है  (Photo: Reuters)
इमरान खान की राजनीतिक पार्टी PTI बड़ा प्रोटेस्ट करने की तैयारी कर रही है (Photo: Reuters)

पाकिस्तान इन दिनों बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है. माहौल ऐसा है मानो हवा में बारूद घुली हो और बस एक चिंगारी पूरे देश को आग में झोंक सकती है. वजह हैं जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जिनके बारे में पिछले दो दिनों से लगातार अफवाहें फैल रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह दावे तेजी से फैल रहे हैं कि अडियाला जेल में उनकी मौत हो चुकी है. यह दावा एक अफगान मीडिया रिपोर्ट में किया गया था, जिसमें कहा गया कि उन्हें हिरासत में मार दिया गया और शव जेल से बाहर ले जाया गया. हालांकि सरकार या किसी आधिकारिक संस्था ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है, फिर भी इस अफवाह ने पूरे देश में बेचैनी और घबराहट बढ़ा दी है.

मुलाकात से रोकने पर परिवार का गुस्सा बढ़ा

इन चर्चाओं के बीच, इमरान खान की तीनों बहनें रावलपिंडी की अडियाला जेल पहुंचीं. उनका आरोप है कि उन्हें अपने भाई से मिलने नहीं दिया गया. यह बात उनके लिए बेहद चिंताजनक और नाराज़गी भरी रही. इमरान खान की राजनीतिक पार्टी PTI भी इसी मुद्दे को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है और सरकार पर सवाल उठा रही है.

'अगर जिंदा हैं, तो दिखाने में दिक्कत क्या है?'

पाकिस्तान भर में सोशल मीडिया पर हलचल तेज हो गई है. लोग खुलकर पूछ रहे हैं कि यदि इमरान खान बिल्कुल सुरक्षित हैं, तो उनके परिवार, वकीलों और बहनों को उनसे मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही. X पर PTI समर्थकों ने #نومبر26_نہیں_بھولیں_گے हैशटैग को ट्रेंड करा दिया है, जिसका अर्थ है-“हम 26 नवंबर को कभी नहीं भूलेंगे.” इस हैशटैग के साथ पूरे देश में एक बड़े आंदोलन की तैयारी भी की जा रही है.

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क्यों ट्रेंड हो रहा है 26 नवंबर?

यह पूरा विवाद 26 नवंबर 2024 की उस घटना से जुड़ा है जब PTI ने इमरान खान की रिहाई की मांग के लिए विशाल मार्च निकाला था. मार्च 24 नवंबर को खैबर पख्तूनख्वा से शुरू हुआ था और इसकी अगुवाई उनकी पत्नी Bushra Bibi कर रही थीं. रास्ते में सरकार ने भारी बैरिकेडिंग कर रखी थी—कंटेनर, लोहे की दीवारें और सुरक्षा बलों की तैनाती.

जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने कंटेनर हटाए, पुलिस और रेंजर्स ने कार्रवाई शुरू कर दी. PTI का आरोप है कि भीड़ पर आंसू गैस, रबर की गोलियाँ और यहां तक कि असली गोलियाँ भी चलाई गईं. रात में बिजली काट दी गई और अंधेरे में फायरिंग हुई. कई लोग मारे गए, सैकड़ों घायल हुए और हजारों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. सरकार इन आरोपों से इनकार करती है और इसे 'आतंकवादी हमला' बताती है, जबकि PTI इसे 'नरसंहार' कह रही है.

पाकिस्तान में इस वक्त X पर क्या ट्रेंड हो रहा है

PTI का ऐलान: 26 नवंबर ‘काला दिन’

इस हिंसक घटना के बाद PTI ने 26 नवंबर को “यौम-ए-सियाह” यानी ‘काला दिन’ घोषित कर दिया. 2025 में भी पार्टी इसे अलग तरीके से मनाने जा रही है. इस बार बड़े मार्च के बजाय जिलों में शांतिपूर्ण कार्यक्रम होंगे—शहीदों के घर फातिहा पढ़ना, परिवारों से मिलना और छोटे स्तर पर विरोध दर्ज कराना, ताकि किसी बड़े टकराव की स्थिति न बने.

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इमरान खान की सुरक्षा पर गहरे सवाल

राजनीतिक तनाव, अफवाहों और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाइयों के बीच इमरान खान की सेहत और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. उनकी बहनों से कथित बदसलूकी और मुलाकात पर रोक ने आशंकाओं को और गहरा कर दिया है. PTI समर्थकों का कहना है कि उनका परिवार उनसे मिलने नहीं पा रहा, यह किसी बड़े खतरे का संकेत हो सकता है. जबकि सरकार इसे पूरी तरह झूठा बताती है.लेकिन सच यही है कि पाकिस्तान इस समय बहुत बड़े अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है.जहां राजनीति, सत्ता और जनभावनाएं एक साथ उबल रही हैं.
 

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