आज के समय में करोड़ों युवा आईटी सेक्टर में सफल होने का सपना देखते हैं. लेकिन हर किसी के पास टॉप कॉलेज, बड़े अवसर या मजबूत बैकग्राउंड नहीं होता. ऐसे में अमेरिका में काम कर रहे एक भारतीय इंजीनियर की कहानी सबके लिए बड़ी प्रेरणा है. अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. वजह यह है कि सिर्फ 3 साल में उनका वेतन 3.2 लाख रुपये से बढ़कर 1.7 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. उन्होंने अपनी इस सफलता के पीछे कौशल (स्किल), लगातार मेहनत, और सही लोगों से नेटवर्किंग को सबसे बड़ा कारण बताया है.
भारत में 3.2 लाख सालाना… और शुरुआत बेहद कठिन
इंजीनियर बताते हैं कि वह टियर-3 कॉलेज से ग्रेजुएट हुए थे. उनके 17 बैकलॉग थे. कुछ विषय उन्हें दोबारा भी देने पड़े. उन्हें कैंपस प्लेसमेंट में बैठने की भी अनुमति नहीं मिली. फिर भी, उनके पास एक चीज बहुत मजबूत थी—कंप्यूटर साइंस की बेसिक समझ.2020 से 2022 के बीच उन्होंने दिन-रात मेहनत की. उन्होंने बताया कि मैं हफ्ते के सातों दिन 10–14 घंटे काम करता था और तब मुझे सिर्फ 3.2 लाख रुपये सालाना मिलते थे.
लेकिन यही दो साल उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुए. 2022 में उन्होंने आगे पढ़ने के लिए अमेरिका में मास्टर्स करने का फैसला किया. वहां पहुंचकर उन्होंने फुल-स्टैक डेवलपमेंट, मोबाइल और वेब ऐप्स, क्लाउड टेक्नोलॉजी, LLMs (AI मॉडल), Next.js जैसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी सीखी.
सिर्फ 3 साल में कैसे बदली जिंदगी?
शुरुआत में उनकी जिंदगी बहुत सामान्य और संघर्षों से भरी रही. लड़का भारत के एक टियर-3 इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ा था. उनके 17 बैकलॉग थे, यानी बहुत सारे विषय फेल थे. इसी वजह से उन्हें कैंपस प्लेसमेंट में बैठने तक नहीं दिया गया. लेकिन उनकी एक अच्छी बात थी, उन्हें कंप्यूटर साइंस की बुनियादी समझ हमेशा से अच्छी थी.
2020–2022 तक दो साल की जबरदस्त मेहनत
उन्होंने बताया कि साल 2020 से 2022 तक उन्होंने रोजाना 10–14 घंटे काम किया. वीकेंड पर भी आराम नहीं किया. फुल-स्टैक डेवलपमेंट, मोबाइल ऐप्स, वेब और क्लाउडस्टैक सीखते रहे.उनका वेतन तब 3.2 लाख रुपये सालाना था. लेकिन यही दो साल उनकी ज़िंदगी की असली नींव (foundation) बन गए. वे बताते हैं कि अमेरिका में पढ़ाई के दौरान उन्हें नौकरी नहीं मिली, इसलिए उन्होंने फ्रीलांसिंग शुरू की.लॉस एंजिल्स की मीडिया कंपनियों के लिए प्रोजेक्ट किए.
नेटवर्किंग का कमाल और किस्मत का बड़ा मोड़
हालांकि, लिंक्डइन पर उन्होंने पहले से ही अच्छा नेटवर्क बनाया हुआ था. इस नेटवर्क में कई Y Combinator (YC) स्टार्टअप के फाउंडर्स भी थे. उन्हीं में से एक ने उनका पोर्टफोलियो देखा और उन्हें एक YC स्टार्टअप में नौकरी मिल गई. इस स्टार्टअप ने हाल ही में सीरीज-बी फंडिंग उठाई है, इसलिए कंपनी ने उन्हें शानदार वेतन, इक्विटी (शेयर) दिए और इसी तरह उनकी सैलरी ₹3.2 लाख से बढ़कर ₹1.7 करोड़ सालाना हो गई.
15वीं मंजिल का अपार्टमेंट और 42 लाख का टैक्स
आज यह इंजीनियर सैन फ्रांसिस्को की एक 15वीं मंजिल वाली बिल्डिंग में रहता है. उन्होंने बताया- मैंने अभी-अभी अपना आयकर बिल चेक किया… मुझे अकेले 48,000 डॉलर (42 लाख रुपये) टैक्स देना है. सोचकर भी अजीब लगता है कि तीन साल में इतना बदलाव आ गया. उन्होंने साफ कहा कि वह एक मिडिल क्लास या लोअर-मिडल क्लास परिवार से आते हैं.
उनके पास कोई जमीन-जायदाद नहीं, उन्हें पढ़ाई के लिए लोन लेना पड़ा अमेरिका में पार्ट-टाइम डाइनिंग जॉब कर खर्च चलाए और दोस्तों की मदद से ही वह मुश्किल दिनों में टिक पाए. अंत में उन्होंने लिखा-“बस मेहनत करते रहो… सही समय पर सही मौका मिल ही जाता है.”
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