एलियंस को लेकर आए दिन तमाम तरह के दावे किए जाते हैं. यूएफओ को इनसे जोड़कर देखा जाता है और कहा जाता है कि ये धरती पर बार बार आते हैं. ब्रिटेन में 2.5 साल के भीतर करीब 1000 यूएफओ दिखने का दावा किया गया है. बेशक दुनिया के तमाम लोगों ने इसे लेकर आज तक तमाम बड़े दावे किए हैं. लेकिन आज तक इनकी कभी पुष्टि नहीं हो पाई है. हैरानी की बात ये है कि ऐसे दावे करने वालों में अमेरिका के सैन्यकर्मियों से लेकर पायलट और बडे़ प्रोफेसर तक शामिल हैं.वहीं अब एक इजरायली-अमेरिकी खगोलशास्त्री, एवी लोएब (Avi Loeb) ने नया दावा किया है.
एलियंस के अस्तित्व को साबित करने की कोशिश में जुटे एवी को 'एलियन हंटर' कहा जाता है. उन्होंने एक डॉक्यूमेंट्री में दावा किया है कि यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन CERN में बनाए गए हिडेन डायमेंशंस (छिपे हुए आयामों) की मदद से एलियंस गुप्त तरह से धरती पर आए होंगे.
फ्रांस-स्विट्जरलैंड सीमा पर जिनेवा में संगठन के वैज्ञानिक बिग बैंग की स्थितियों को फिर से बनाने के प्रयास में लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (एलएचसी) - दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली पार्टिकल एक्सिलेटर - का उपयोग कर रहे हैं. इसके माध्यम से, उन्हें यह पता लगाने की उम्मीद है कि हमारा ब्रह्मांड सबसे पहले कैसे बना.
'द पैरानॉर्मल यूएफओ कनेक्शन' डॉक्यूमेंट्री में प्रोफेसर लोएब ने सुझाव दिया कि एलियन हम पृथ्वीवासियों से कहीं अधिक दूर हो सकते हैं, उन्होंने दावा किया कि संभव है कि वे पहले से ही अरबों वर्षों से डायमेंशन होपिंग टेक्नीक पर काम कर रहे होंगे. प्रोफेसर ने यह भी कहा कि अगर एलियन तकनीक हम तक पहुंचने में सक्षम हो गई तो हम पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो जाएंगे क्योंकि यह वर्तमान में पृथ्वी पर हमारे पास मौजूद तकनीक से परे होगी.
प्रोफ़ेसर लोएब ने कहा- एलियन चुपचाप धरती पर आते होंगे और सभी तकनीकी उपकरणों को देखते होंगे. उन्होंने कहा, ऐसे में इंसानों की ओर से हिडेन डायमेंशंस के माध्यम से यात्रा करने पर किसी भी टकराव की अधिक संभावना पैदा होगी.
प्रोफ़ेसर लोएब ने कहा- "क्वांटम मैकेनिक्स की खोज ठीक एक सदी पहले की गई थी. और वर्तमान में हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली सभी सबसे सोफेस्टिकेटेड टेक्नोलॉजी, जैसे कि इंटरनेट, आर्टिफीशियल इंटैलिजेंस, आदि, क्वांटम यांत्रिकी की हमारी समझ पर निर्भर करती हैं.