आज के एआई दौर में अब यह मान लेना खतरनाक हो गया है कि जो दिखाई दे रहा है, वही सच है.तस्वीरें अब इतनी सफाई से एडिट हो सकती हैं कि समझदार लोग, डॉक्टर, यहां तक कि बड़ी कंपनियों के HR तक आसानी से धोखा खा जाएं.
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वह मामला वायरल हुआ था, जिसमें एक शख्स ने स्विगी से रिफंड लेने के लिए अंडों की एडिटेड तस्वीर भेज दी थी. असल में एक अंडा टूटा था, लेकिन एआई की मदद से उसने ट्रे में रखे 20 अंडों को टूटा हुआ दिखाकर रिफंड ले लिया.
अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, लेकिन इस बार बात खाने-पानी की नहीं, ऑफिस की छुट्टियों की है. यहां दावा किया गया कि एक कर्मचारी ने अपने हाथ पर AI से चोट बनवाई और आराम से मेडिकल लीव ले ली. किसी को अंदाजा भी नहीं हुआ कि तस्वीर AI-generated थी.
साफ हाथ पर AI से बनवाई नकली चोट
यह पूरा मामला X पर वायरल हुआ है.पोस्ट के अनुसार, कर्मचारी ने अपने हाथ की एक बिल्कुल साफ तस्वीर ली.न कोई घाव, न सूजन, न खून का निशान.इसके बाद उसने Gemini Nano जैसे एआई टूल में सिर्फ एक लाइन लिखी: Apply an injury on my hand.
कुछ ही सेकंड में AI ने उस हाथ पर ऐसी चोट बना दी कि उसे असली मानने में कोई भी गलती कर देता.घाव का रंग, गहराई और ताजगी इतनी नेचुरल थी कि वह बिल्कुल असली लग रही थी.कर्मचारी ने यही फोटो HR को भेजी और कहा कि वह बाइक से गिर गया है.
देखें पोस्ट
HR ने बिना जांच-पड़ताल के छुट्टी मंजूर कर दी.न कोई सवाल पूछे गए,न मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा गया.HR को बिल्कुल अंदाज़ा नहीं हुआ कि तस्वीर नकली है.
सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल
सोशल मीडिया पर यह पोस्ट देखने के बाद लोगों ने चिंता जताई कि एआई के दौर में अब सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल होता जा रहा है. कई यूजर्स ने कहा कि भले ही कई एआई-जनरेटेड तस्वीरों का पता चल जाता है, लेकिन कुछ इतनी असली लगती हैं कि कोई भी धोखा खा सकता है. लोगों का कहना है कि आज के समय में आपकी अपनी आंखें भी आपको भ्रमित कर सकती हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आगे चलकर एआई से बनी नकली तस्वीरों और असली फोटो में फर्क कैसे किया जाएगा.