अमेरिका ने एचआईवी संक्रमण का खतरा कम करने के लिए विकसित दवा 'त्रुवदा' को मंजूरी दे दी है. यह उन लोगों को ध्यान में रखकर विकसित की गई है, जिन्हें एचआईवी संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है और जिनके एचआईवी संक्रमित साथी के साथ यौन सम्बंध बनाने की सम्भावना सबसे अधिक है.
खबरों के अनुसार, प्रतिदिन ली जाने वाली इस गोली का विकास कैलीफोर्निया स्थित गिलीड साइंसेज कम्पनी ने किया है. इसमें दो तरह की दवाएं हैं, जो एचआईवी होने से रोकती है. संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए इसे सुरक्षित यौन सम्बंधों के उपायों को अपनाने के साथ ही लेना होगा.
अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासक (एफडीए) देब्रा बिर्नक्रांत ने कहा, 'एचआईवी संक्रमण रोकने के लिए त्रुवदा का इस्तेमाल अकेले नहीं किया जाना चाहिए.'
एफडीए ने एचआईवी संक्रमित वयस्कों तथा 12 साल या इससे अधिक की उम्र के बच्चों के इलाज के लिए पहले त्रुवदा को अन्य एंटीरेट्रोवायरल एजेंट के साथ लेने की अनुमति दी थी.
एफडीए के अनुसार, त्रुवदा लेने वालों को हर तीसरे माह एचआईवी संक्रमण की जांच करानी चाहिए, ताकि यदि संक्रमण होता है तो उसका तुरंत इलाज किया जा सके.
एफडी के आयुक्त मारग्रेट हैम्बर्ग ने कहा, 'त्रुवदा को मिली स्वीकृति एचआईवी के खिलाफ हमारी लड़ाई की दिशा में मील का पत्थर है.' उन्होंने कहा, 'अमेरिका में हर साल करीब 50,000 वयस्कों और किशोरों में एचआईवी संक्रमण का पता चलता है. इस देश में एचआईवी की महामारी से लड़ने के लिए नए उपचारों के साथ-साथ रोकथाम के तरीकों को भी अपनाने की जरूरत है.'