
अयोध्या (Ayodhya) में मंगलवार को राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Andolan) के वरिष्ठ संत डॉ. रामविलास दास वेदांती (Dr. Ramvilas Das Vedanti) के निधन से शोक की लहर दौड़ गई. देर रात उनका पार्थिव शरीर एमपी से उनके आवास 'हिंदू धाम' लाया गया, जहां संत-समाज, जनप्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
भावुक विदाई और अंतिम संस्कार
रामविलास वेदांती के पार्थिव शरीर के अयोध्या पहुंचते ही पूरे नगर में शोक छा गया. 'हिंदू धाम' पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया. संत-समाज, नेताओं और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उन्हें 'युगपुरुष' और 'संघर्ष का प्रतीक' बताया, राम मंदिर आंदोलन में उनके अतुलनीय योगदान को याद किया.
वेदांती का अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर 1 बजे के बाद किया जाएगा. शोक की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अयोध्या पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कोहरे वाली सुबह में भी लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोग रामविलास वेदांती को अंतिम विदाई देने के लिए दूर-दूर से पहुंचे हुए हैं.
राम जन्मभूमि आंदोलन का एक अध्याय समाप्त
राम जन्मभूमि आंदोलन को अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले डॉ. वेदांती के निधन को एक युग का अंत माना जा रहा है. पूरी अयोध्या नगरी शोक में डूबी है. हर वर्ग ने उन्हें अंतिम प्रणाम किया और उनके चले जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया. लोगों का कहना है कि उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा और राम मंदिर के लिए उनके समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा.

रीवा में चल रही थी रामकथा, बिगड़ी तबीयत
राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह निधन हुआ था. उन्होंने मध्य प्रदेश में अंतिम सांस ली. वे 75 वर्ष के थे. जानकारी के मुताबिक, डॉ. रामविलास दास वेदांती 10 दिसंबर को दिल्ली से मध्य प्रदेश के रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी. इसी दौरान बुधवार को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई. उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने लगातार उपचार के प्रयास किए, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. सोमवार रात 10-11 बजे पार्थिव शरीर अयोध्या लाया लाया गया.