संजय सिन्हा आज की कहानी में किरदार की अच्छाइयों के बारे में बता रहे हैं. वे कह रहे हैं कि हर व्यक्ति के भीतर कुछ न कुछ अच्छा होता है, उसे ही ढूंढ़िए और अपना लीजिए. हंस इस बात की परवाह नहीं करता कि दूध में कितना पानी है. ध्यान रखिए आप जिस रिश्ते में होते हैं, उसकी मर्यादा का पालन करना आपका धर्म होता है.