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जानिए गैरकानूनी रियल मैंगो सॉफ्टवेयर के बारे में जिससे ट्रेन टिकट होते थे कंफर्म

अनलॉक-4 की शुरुआत होते ही भारतीय रेलवे की ओर से कुछ नई ट्रेनों की सर्विस शुरू की गई. सर्विस शुरू होते ही दलाल ऐक्टिवेट हो गए थे. ऐसे ही कुछ दलालों का भंडफोड़ रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने किया है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • ये सॉफ्टवेयर अब बंद किया जा चुका है
  • इस मामले में RPF ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया है
  • 5 मुख्य संचालकों की भी हुई है गिरफ्तारी

अनलॉक-4 की शुरुआत होते ही भारतीय रेलवे की ओर से कुछ नई ट्रेनों की सर्विस शुरू की गई. सर्विस शुरू होते ही दलाल ऐक्टिव हो गए थे. ऐसे ही कुछ दलालों का भंडफोड़ रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने किया है. ये दलाल गैरकानूनी सॉफ्टवेयर रियल मैंगो की मदद से कंफर्म टिकट बुक करते थे. इस मामले में RPF ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक, RPF के महानिदेशक अरूण कुमार ने ये जानकारी दी कि कोरोना महामारी के दौरान गैरकानूनी सॉफ्टवेयर रियल मैंगो की मदद से कंफर्म टिकट उपलब्ध कराए जाने के बारे में पता लगाया है और पश्चिम बंगाल, असम, बिहार और गुजरात से 50 लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही प्रोटेक्शन फोर्स 5 लाख रुपये की कीमत के लाइव टिकटों को ब्लॉक करने में कामयाब रही.

इस गैनकानूनी सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करने वाले पांच मुख्य संचालकों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार भी किया और सॉफ्टवेयर को पूरी तरह खत्म कर दिया है.  

कैसे काम करता था Real Mango सॉफ्टेवयर?

- रियल मैंगो सॉफ्टवेयर V3 और V2 कैप्चा को बायपास करता था.

- ये मोबाइल ऐप की मदद से बैंक OTP को सिंक्रोनाइज करता था और जरूरी फॉर्म में ऑटोमैटिक तरीके से फीड करता था.

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- ये सॉफ्टवेयर फॉर्म में ऑटोमैटिक तरीके से पैसेंजर डिटेल्स और पेमेंट डिटेल्स ऐड कर देता था.

- ये सॉफ्टवेयर अलग-अलग IRCTC IDs की मदद से IRCTC वेबसाइट में लॉगइन करता था.

- ये गैरकानूनी सॉफ्टवेयर पांच अलग-अलग टियर स्ट्रक्चर में बेचा जाता था. इसमें सिस्टम एडमिन और उसकी टीम, मावेंस, सुपर सेलर्स, सेलर्स और एजेंट्स शामिल हैं.

- सिस्टम एडमिन को पेमेंट बिटकॉइन में मिलता था.

 

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