टोक्यो की उमस भरी रात, खचाखच भरा ओलंपिक स्टेडियम और एथलेटिक्स के रोमांचक मुकाबले… इन्हीं पलों के बीच अमेरिका के रायन क्राउजर ने इतिहास रच दिया. दुनिया के महानतम शॉट पुटर माने जाने वाले क्राउजर ने लगातार तीसरी बार वर्ल्ड चैम्पियनशिप गोल्ड अपने नाम किया. चोट, लंबे ब्रेक और दबाव- सबके बावजूद उन्होंने 22.34 मीटर का थ्रो कर एक बार फिर साबित कर दिया कि उन्हें हराना आसान नहीं.
शुरुआत में ही दबदबा
फाइनल में न्यूजीलैंड के टॉम वॉल्श, इटली के लियोनार्डो फाब्री और अमेरिका के एड्रियन पाइपेरी जैसे दिग्गज मौजूद थे. शुरुआती दौर से ही माहौल में रोमांच था. वॉल्श ने 21.58 मीटर का मजबूत थ्रो किया और स्टेडियम गूंज उठा. मगर क्राउजर ने आते ही 21.99 मीटर फेंक कर संदेश दे दिया कि वे खिताब छोड़ने नहीं आए.
इटली के फाब्री ने भी जोरदार चुनौती दी और 21.83 मीटर तक पहुंचे. मेक्सिको के उजील मुनोज और नाइजीरिया के कॉर्नेल एनेक्व भी अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश में जुटे रहे. चौथे राउंड तक मुकाबला बेहद कांटे का हो चुका था.
... चौथे राउंड का मोड़
चौथे प्रयास में वॉल्श ने 21.94 मीटर फेंका और हवा में मुक्का लहराते हुए खुशी जताई. इसके बाद फाब्री ने भी 21.94 का थ्रो कर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया. अब सबकी निगाहें क्राउजर पर थीं.
अमेरिकी दिग्गज ने पूरा दम लगाया और 22 मीटर से आगे थ्रो फेंक दिया. बोर्ड पर अंक उभरे- 22.34 मीटर. स्टेडियम तालियों से गूंज उठा. यह वही पल था जिसने बाकी खिलाड़ियों की उम्मीदों को लगभग खत्म कर दिया.
मेक्सिको का ऐतिहासिक मेडल
आखिरी दौर में मेक्सिको के मुनोज ने 21.97 मीटर का थ्रो किया और सीधे सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया. यह मेक्सिको के शॉट पुट इतिहास का पहला वर्ल्ड चैम्पियनशिप मेडल था. वॉल्श और फाब्री दोनों 21.94 मीटर पर बराबर रहे, लेकिन बेहतर दूसरे थ्रो (21.59 मीटर) की वजह से कांस्य पदक फाब्री को मिला. वॉल्श चौथे स्थान पर रह गए.
चोट और चुनौती के बावजूद जीत
यह मुकाबला क्राउजर के लिए आसान नहीं था. वे पिछले साल सितंबर के बाद पहली बार पूरी ताकत से थ्रो कर रहे थे. कोहनी की चोट ने उन्हें महीनों तक परेशान रखा. उन्होंने बताया -
'यह मेरी अब तक की सबसे कठिन प्रतियोगिता थी. तैयारी में बहुत मुश्किलें थीं, लेकिन मैंने भरोसा रखा कि रिंग में उतरते ही वही कर सकता हूं जो पहले करता था. मेरा लक्ष्य 22.40 मीटर के आसपास था और मैं उससे संतुष्ट हूं.'
क्राउजर का कहना है कि वे हमेशा 'परफेक्ट थ्रो' की तलाश में रहते हैं. यही जुनून उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग करता है.

रिकॉर्ड की किताब में नाम
रायन क्राउजर के नाम अब तीन वर्ल्ड चैम्पियनशिप गोल्ड और तीन ओलंपिक गोल्ड हैं. शॉट पुट में ऐसा करिश्मा करने वाला शायद ही कोई और हो.
उन्होंने 2021 में 23.37 मीटर का थ्रो कर 31 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा था. मौजूदा वर्ल्ड रिकॉर्ड 23.56 मीटर भी उन्हीं के नाम है. इसके अलावा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ चार थ्रो भी उन्होंने ही किए हैं- 23.56 मीटर, 23.51 मीटर, 23.37 मीटर और 23.30 मीटर.
1991 से अब तक हर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में अमेरिकी शॉट पुटर पोडियम पर रहा है. क्राउजर ने इस परंपरा को और मजबूत कर दिया है.
तकनीक और मानसिक मजबूती
क्राउजर की सफलता की एक बड़ी वजह उनकी तकनीक है. पुराने दौर के 'ग्लाइड' से आगे बढ़कर उन्होंने 'रोटेशन' तकनीक में महारत हासिल की. इससे उनके थ्रो में नई ऊंचाई और स्थिरता आई.
वे कहते हैं- 'आप प्रतियोगिता में गलतियां कर सकते हैं, लेकिन वही गलती दोहरानी नहीं चाहिए. मैं शांत और संतुलित रहना पसंद करता हूं. यही मेरा मंत्र है.'
इस बार भी उन्होंने दबाव में धैर्य रखा. पांचवें राउंड में प्रतिद्वंद्वियों के दबाव ने उन्हें प्रेरित किया और उन्होंने विजयी थ्रो निकाला.
सबसे महान शॉट पुटर?
क्राउजर अब तक 200 से ज्यादा बार 22 मीटर से लंबा थ्रो कर चुके हैं. यह आंकड़ा उन्हें अपने युग का ही नहीं, बल्कि इतिहास का सबसे बड़ा शॉट पुटर बनाता है। उनके पास ताकत, तकनीक और अनुभव- सब कुछ है.
टोक्यो के नेशनल स्टेडियम की सुरंग से बाहर निकलते समय जब वे अमेरिकी झंडा ओढ़े हुए थे, तो लग रहा था मानो उन्होंने न केवल अपने शरीर की भौतिकी पर महारत हासिल कर ली हो, बल्कि शॉट पुट की कला को भी नए आयाम दे दिए हों.
Report- Sundeep Misra