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FIFA World Cup 2022: किस्मत से मात खा गया मोरक्को, मैच में गंवाए कई मौके, ऐसे फाइनल में पहुंचा फ्रांस

फ्रांस ने मोरक्को को 2-0 से हराकर फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना ली है. अब फाइनल मुकाबले में फ्रांस का सामना लियोनेल मेसी की कप्तानी वाली अर्जेंटीना से होगा. देखा जाए तो मोरक्को की टीम फ्रांस पर पूरे मुकाबले में हावी रही. ये अलग बात है कि उसने कोई गोल नहीं दागा और किस्मत ने भी उसका साथ नहीं दिया.

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अशरफ हकीमी को सांत्वना देते एमबाप्पे
अशरफ हकीमी को सांत्वना देते एमबाप्पे

मौजूदा चैम्पियन फ्रांस ने दमदार प्रदर्शन करते हुए फीफा विश्व कप 2022 के फाइनल में जगह बना ली है. बुधवार (14 दिसंबर) की देर रात अल बायेत स्टेडियम में खेले गए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में फ्रांस ने मोरक्को को 2-0 से पराजित किया. अब 18 दिसंबर को होने वाले फाइनल मुकाबले में फ्रांस का सामना लियोनेल मेसी की कप्तानी वाली अर्जेंटीना से होगा. अर्जेंटीना ने क्रोएशिया को हराकर फाइनल मुकाबले में जगह बनाई है. 

इस जीत के चलते जहां फ्रांस अब लगातार दूसरी और ओवरऑल तीसरी बार वर्ल्ड कप खिताब जीतने से एक कदम दूर हैं. वहीं मोरक्को की टीम का सुनहरा सफर यहीं पर समाप्त हो गया. फ्रांस की जीत के हीरो किलियन एमबाप्पे नहीं... बल्कि थियो हर्नांडेज और रैंडल कोलो मुआनी रहे. दोनों ही खिलाड़ियों ने फ्रांस के लिए एक-एक गोल दागा. साथ ही फ्रांसीसी गोलकीपर ह्यूगो लॉरिस की भी तारीफ करनी होगी जिन्होंने कुछ बेहतरीन बचाव किए.

पांचवें मिनट में ही मिली फ्रांस को लीड

फ्रांस नें मुकाबले के पांचवें मिनट में ही 1-0 की बढ़त बना ली. फ्रांस के लिए यह गोल डिफेंडर थियो हर्नांडेज ने दागा. सबसे पहले एंटेनी ग्रीजमैन ने शानदार खेल दिखाते हुए किलियन एमबाप्पे को पास दिया. एम्बाप्पे ने गोल करने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए. इसी बीच थियो हर्नांडेज ने रिबाउंड पर कमाल की किक लगाते हुए बॉल को गोलपोस्ट में दाखिल कर दिया. एक गोल से पिछड़ने के बाद मोरक्को के खिलाड़ियों का हौसला नहीं टूटा और उन्होंने फ्रांस जैसी मजबूत टीम को कड़ी टक्कर देना जारी रखा. हालांकि खेल के 21वें मिनट में उसे अपने कप्तान रोमेन सैस को इंजरी के चलते सबस्टीट्यूट करना पड़ा.

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मोरक्को की पेनल्टी की अपील खारिज

मोरक्को के लिए बड़ा मौका खेल के 27वें मिनट में बन सकता था जब टीम के खिलाड़ियों ने पेनल्टी की मांग की. दरअसल फ्रांस के लिए पहला गोल करने वाले थियो हर्नांडेज ने सोफियान बाउफल गिरा दिया लेकिन मोरक्को की पेनल्टी अपील मंजूर नहीं की गई. इसके साथ ही बाउफल को येलो कार्ड भी मिला. इसके बाद पहले हाफ के बाकी मिनटों में कोई गोल नहीं हुआ और फ्रांस की 1-0 की लीड कायम रही. देखा जाए तो पहले हाफ में फ्रांस ने 9 मौके पर गोल करने का प्रयास किया, जिसमें से 2 ऑन टारगेट रहे. वहीं मोरक्को ने 5 बार गोल करन की कोशिश की जिसमें दो शॉट टारगेट पर रहे.

दूसरे हाफ में कोलो ने दागा गोल

दूसरे हाफ में भी मोरक्को ने शानदार खेल दिखाया लेकिन वह मौकों को भुनाने में नाकाम रहे. उल्टे मोरक्को को खेल के 79वें मिनट में एक और गोल खाना पड़ा. फ्रांस के लिए यह गोल रैंडल कोलो मुआनी ने दागा. इस गोल के चलते फ्रांस ने मैच में 2-0 की बढ़त बनाई जो अंत तक कायम रहा. खास बात यह है कि रैंडल कोलो मुआनी का यह पहला इंटरनेशनल गोल रहा, ऐसे में इस फॉरवर्ड खिलाड़ी के लिए यह काफी यादगार क्षण रहा.

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मोरक्को ने की पूरी कोशिश लेकिन...

मुकाबले में लगभग 62 प्रतिशत समय तक गेंद पर मोरक्को के खिलाड़ियों का ही कब्जा रहा. वहीं फ्रांस के पास गेंद सिर्फ 38 प्रतिशत समय तक गेंद रही. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है मोरक्को की टीम किस कदर फ्रांस पर हावी रही. ये अलग बात है कि उसने कोई गोल नहीं दागा. मोरक्को ने फ्रांस के बराबर ही तीन मौके पर गोल पर ऑन टारगेट शॉट लिए, जिसे फ्रांसीसी गोलकीपर ने बचा लिया.


 

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