अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में केवल 25 बल्लेबाज ही ऐसे हैं, जिन्होंने 100 या उससे अधिक शतक लगाने का गौरव प्राप्त किया है. इस प्रतिष्ठित सूची में एशिया की ओर से सिर्फ एक नाम शामिल है- पाकिस्तान के महान बल्लेबाज और ‘एशियन ब्रैडमैन’ के नाम से मशहूर जहीर अब्बास का. जहीर ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में 108 शतक जड़े. इस मुकाम तक न तो सचिन तेंदुलकर पहुंच सके और न ही सुनील गावस्कर. दोनों के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 81-81 शतक दर्ज हैं.
24 जुलाई 1952 को सियालकोट में जन्मे जहीर अब्बास आज 78 वर्ष के हो गए हैं. उन्होंने कुल 459 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने 108 शतक और 158 अर्धशतक बनाए. माना जाता है कि उनकी आंखों की रोशनी कुछ कमजोर थी, इसलिए वे अक्सर चश्मा पहनकर खेलते थे. उनके कवर ड्राइव आज भी प्रशंसकों के दिलों में बसे हुए हैं.
जहीर ने 1969 में कराची में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और अपने दूसरे ही टेस्ट (बर्मिंघम में इंग्लैंड के विरुद्ध) में 274 रनों की शानदार डबल सेंचुरी ठोक डाली, जो उनके 16 साल के टेस्ट करियर (78 टेस्ट) का उच्चतम स्कोर भी रहा.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जहीर अब्बास ने चार ऐसे मुकाबले खेले, जिनमें उन्होंने पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी पारी में शतक बनाया और वह भी हर बार नाबाद रहकर. यह अद्वितीय कारनामा सिर्फ उन्हीं के नाम है.
टीम- ग्लूस्टरशायर विरुद्ध सरे- 216 *, 156 * रन (The Oval, 1976)
टीम- ग्लूस्टरशायर विरुद्ध केंट- 230 *, 104 * रन (Canterbury, 1976)
टीम- ग्लूस्टरशायर विरुद्ध ससेक्स - 205 *, 108 * रन (Cheltenham, 1977)
टीम- ग्लूस्टरशायर विरुद्ध समरसेट -215 *, 150 * रन (Bath, 1981)

अगर टेस्ट क्रिकेट की बात करें, तो जहीर अब्बास ने भारत के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर बेहतरीन प्रदर्शन किया. उन्होंने 11 टेस्ट में 158.55 की औसत से 1427 रन बनाए, जिसमें 6 शतक शामिल हैं. हालांकि जब उन्होंने भारत में आकर खेला, तो प्रदर्शन कमजोर रहा - 8 टेस्ट में सिर्फ 313 रन और एवरेज रहा 28.45, कोई शतक नहीं आया.
एक और खास रिकॉर्ड- जहीर ने 5 अंतरराष्ट्रीय (टेस्ट+ वनडे) पारियों में लगातार शतक जमाए. वह ऐसा करने वाले एवर्टन वीक्स (वेस्टइंडीज) के बाद दूसरे बल्लेबाज रहे. जहीर के ये सभी शतक 1982-83 में भारत के खिलाफ घरेलू सीजन में आए थे. एवर्टन वीक्स की बात करें, तो 1948 में उनके लगातार पांचों शतक (विरुद्ध- इंग्लैंड 1, भारत 4) टेस्ट मैच में आए थे.
जहीर अब्बास- रोचक तथ्य
उनका पूरा नाम था सैयद जहीर अब्बास किरमानी, लेकिन उन्होंने करियर में सिर्फ "जहीर अब्बास" नाम का उपयोग किया. भारतीय पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी के नाम से ‘किरमानी’ मिलता-जुलता है, लेकिन दोनों के बीच कोई पारिवारिक संबंध नहीं है.
जहीर ने पहले अपनी कजिन नसरीन से शादी की. बाद में इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट के दौरान उनकी मुलाकात भारतीय युवती रीता लूथरा से हुई, जो इंटीरियर डिजाइन की पढ़ाई कर रही थीं.
दोस्ती प्यार में बदली और दोनों ने 1988 में शादी कर ली. शादी के बाद रीता ने इस्लाम कबूल कर लिया और उनका नाम समीना अब्बास हो गया. यह भी कहा जाता है कि रीता के पिता केसी लूथरा और जहीर के पिता अच्छे दोस्त थे.