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बिहार 574, वैभव 190 और गनी का ऐतिहासिक शतक... विजय हजारे ट्रॉफी के पहले दिन टूटे कई वर्ल्ड रिकॉर्ड

विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 574 रन बनाकर लिस्ट-ए क्रिकेट का सबसे बड़ा टीम स्कोर खड़ा किया. इस ऐतिहासिक पारी के हीरो रहे 14 साल के वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने 36 गेंदों में शतक और 59 गेंदों में 150 रन बनाकर कई विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिए. सकीबुल गनी और आयुष लोहारुका के शतकों ने इस यादगार दिन को और खास बना दिया.

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विजय हजारे में वैभव के नाम का तूफान (Photo: ITG)
विजय हजारे में वैभव के नाम का तूफान (Photo: ITG)

विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में बुधवार का दिन इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया. रांची में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ लीग मुकाबले में बिहार ने ऐसी बल्लेबाज़ी की, जिसने रिकॉर्ड बुक्स को ही बदल कर रख दिया. बिहार ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 574 रन बनाए, जो लिस्ट-ए क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा टीम स्कोर है. इससे पहले यह रिकॉर्ड तमिलनाडु के नाम था, जिसने 2022 में 506 रन बनाए थे.

इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के केंद्र में रहे महज 14 साल के वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने अपने बल्ले से ऐसा तूफान मचाया कि गेंदबाज़ों के साथ-साथ आंकड़े भी जवाब ढूंढते रह गए. वैभव ने यह साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या होती है.

14 साल की उम्र में रचा विश्व रिकॉर्ड

वैभव सूर्यवंशी ने केवल 36 गेंदों में शतक पूरा कर लिया और पुरुष लिस्ट-ए क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए. उस समय उनकी उम्र थी 14 साल और 272 दिन. यह उनका सिर्फ सातवां लिस्ट-ए मुकाबला था, लेकिन उनके खेल में गज़ब का आत्मविश्वास और परिपक्वता दिखी.

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रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाली पारी

वैभव यहीं नहीं रुके. उन्होंने 59 गेंदों में 150 रन पूरे किए, जो पुरुष लिस्ट-ए क्रिकेट का सबसे तेज़ 150 रन का रिकॉर्ड है. इससे पहले यह रिकॉर्ड एबी डिविलियर्स के नाम था. जब वैभव 84 गेंदों में 190 रन बनाकर आउट हुए, तब तक वह 16 चौके और 15 छक्के लगा चुके थे. एक पारी में 15 छक्के लगाना किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ का लिस्ट-ए में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

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कुछ समय के लिए ऐसा भी लगा कि वह सबसे तेज़ दोहरे शतक का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं, लेकिन उससे पहले ही उनका विकेट गिर गया.

हालिया प्रदर्शन ने बढ़ाया असर

वैभव सूर्यवंशी का यह प्रदर्शन इसलिए भी खास रहा क्योंकि हाल ही में उन्होंने अंडर-19 एशिया कप में 171 रन की पारी खेली थी. फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ असफल रहने के कुछ ही दिन बाद उन्होंने सीनियर क्रिकेट में ऐसा जवाब दिया कि पूरी दुनिया ने नोटिस लिया. अगले साल जिम्बाब्वे और नामीबिया में होने वाले अंडर-19 विश्व कप से पहले यह पारी उनके लिए बेहद अहम मानी जा रही है.

गनी ने भी दिखाया जलवा

यह जीत सिर्फ वैभव सूर्यवंशी की नहीं थी. बिहार के कप्तान सकीबुल गनी ने भी तूफानी बल्लेबाज़ी करते हुए 32 गेंदों में शतक जड़ा, जो किसी भारतीय द्वारा लगाया गया सबसे तेज़ लिस्ट-ए शतक है. उन्होंने 128 रन बनाए. वहीं आयुष लोहारुका ने 116 रन की शानदार पारी खेलकर अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाज़ों को कोई राहत नहीं दी.

तीन शतकों की बदौलत बिहार का स्कोर हर सीमा को पार करता चला गया. विजय हजारे ट्रॉफी में दोहरे शतक का रिकॉर्ड भले ही न टूट सका, लेकिन इसकी वजह समय की कमी थी, इरादों की नहीं.

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क्यों खास है वैभव की पारी

50 ओवर के प्रारूप में टी20 जैसी गति से रन बनाना खेल की पूरी तस्वीर बदल देता है. गेंदबाज़ों के पास कोई योजना नहीं बचती और कप्तानों के विकल्प खत्म हो जाते हैं. इतनी कम उम्र में ऐसा नियंत्रण और समझ दिखाना वैभव सूर्यवंशी को असाधारण बनाता है.

घरेलू क्रिकेट अक्सर भविष्य के सितारों की आहट देता है, लेकिन रांची में इस दिन बिहार के एक 14 साल के खिलाड़ी ने आहट नहीं दी- उसने दहाड़ लगाई.

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