ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज 2025-26 का पहला मुकाबला पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया. इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इंग्लैंड पर 8 विकेट से जीत हासिल की. ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 205 रनों का टारगेट था, जिसे उसने ट्रेविस हेड के शतक की मदद से हासिल कर लिया. यह मुकाबला दो दिनों में ही खत्म हो गया.
पर्थ टेस्ट मैच के दौरान उस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेहाज जेमी स्मिथ को दूसरी पारी में तीसरे अंपायर ने आउट करार दिया. इंग्लैंड की पारी के 28 ओवर में ब्रेंडन डॉगेट की लेग-स्टम्प से दूर जाती पहली गेंद को स्मिथ पुल करने चूक गए. इस दौरान बैट और बल्ले के बीच गैप ना के बराबर था.
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने कॉट बिहाइंट की अपील की, लेकिन ऑन फील्ड अंपायर नितिन मेनन ने तुरंत नॉट आउट दे दिया. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने रिव्यू लिया और यहीं से पूरा मामला उलझ गया. थर्ड अंपायर शरफुद्दौला सैकत ने RTS (Real Time Snicko) का सहारा लिया. आरटीएस पर एक हल्का सा स्पाइक जरूर दिखा, लेकिन स्पाइक तभी आया जब गेंद बैट को पार कर चुकी थी.
सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में ऑन-फील्ड फैसला बदला नहीं जाता, क्योंकि थर्ड अंपायर को स्पष्ट और ठोस सबूत चाहिए होता है. लेकिन काफी देर तक रिप्ले देखने के बाद थर्ड अंपायर ने फैसला पलट दिया और जेमी स्मिथ आउट हो गए. जैसे ही फैसला स्क्रीन पर आया, पर्थ स्टेडियम में मौजूद इंग्लिश फैन्स बुरी तरह भड़क गए और उन्होंने हूटिंग शुरू कर दी.
इस दिग्गज ने शरफुद्दौला का किया बचाव
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज अंपायर साइमन टफेल ने हालांकि इस विवादित फैसले का बचाव किया. उनका कहना था कि ऑस्ट्रेलिया में इस्तेमाल होने वाली आरटीएस तकनीक और अन्य देशों की अल्ट्रा-एज तकनीक में फर्क है. टफेल ने कहा, 'अगर आरटीएस पर स्पाइक गेंद के बैट को पार करने के एक फ्रेम बाद भी दिखे, तो इसे एज माना जाता है. नियम साफ है, इस मामले में सही फैसला दिया गया.'
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज मार्क वॉ ने एक दिलचस्प एंगल पेश किया. उन्होंने कहा कि जब आरटीएस पर पहली हल्की-सी हरकत देखी गई, जेमी स्मिथ खुद चल दिए थे, और यही अंपायर के फैसले पर असर डाल गया.
मार्क वॉ ने कहा, 'अगर फैसला लेने में इतना समय लग रहा है, तो इसका मतलब है कि संशय है. लेकिन जेमी स्मिथ का पवेलियन की ओर चल पड़ना अंपायर को भरोसा दिला गया कि बल्ले से गेंद लगी है. यह शायद सबसे लंबा डीआएरएस था, जो मैंने देखा है.' बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के दौरान भी आरटीएस तकनीक को लेकर सवाल उठे थे.