हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा, जो खासतौर पर निराशाजनक रहा क्योंकि टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया था. भारत की ओर से पांच शतक लगे, जिससे इंग्लैंड को 371 रनों का लक्ष्य मिला. लेकिन गेंदबाज़ी में कमजोर प्रदर्शन और फील्डिंग में कई चूकी गईं कैचों ने भारत को मैच से बाहर कर दिया. खासतौर पर यशस्वी जायसवाल द्वारा छोड़े गए कैच भारत को भारी पड़े.
यशस्वी ने छोड़े 4 कैच
पहली पारी में शतक लगाने वाले जायसवाल ने चार कैच छोड़े, जिससे इंग्लैंड को आसान रन बनाने का मौका मिला. उन्होंने बेन डकेट का दो बार कैच छोड़ा. पहले 11 पर और फिर 97 पर. जिसके बाद डकेट ने क्रमशः 62 और फिर मैच जिताऊ 149 रन बनाए. जायसवाल ने ओली पोप (60 पर छोड़ा, 106 बनाए) और हैरी ब्रूक (83 पर छोड़ा, 99 बनाए) के भी कैच गिराए.
ये चूके हुए मौके इंग्लैंड के लिए 160 से अधिक अतिरिक्त रन जोड़ने का कारण बने, और अंततः इंग्लैंड ने मैच जीत लिया. हालांकि, भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने युवा ओपनर का बचाव किया. उन्होंने इंग्लैंड की परिस्थितियों में ढलने की मुश्किलों की ओर इशारा किया, खासकर पहले दौरे पर गए खिलाड़ी के लिए.
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आर श्रीधर ने कहा, 'पहली बार इंग्लैंड दौरे पर जाना और वहां स्लिप में अच्छा फील्डर बनना आसान नहीं होता. आप चाहे जितना अभ्यास कर लें, लेकिन मैच में यह चुनौतीपूर्ण होता है. वहां बहुत ठंड होती है, जिससे उंगलियां सुन्न हो जाती हैं. साथ ही ड्यूक बॉल हवा में बहुत हिलती है, जिससे कैच लेना आसान नहीं होता. इंग्लैंड में गेंद को देखना भी मुश्किल होता है, खासकर ओवल और लीड्स जैसे मैदानों में.'
लीड्स में ढलान है जो पवेलियन साइड से किर्कस्टाल लेन छोर की ओर जाती है. वहां बहुत हवा भी चलती है, जिससे फील्डर की लय और गहराई का अंदाज़ा बिगड़ जाता है. यहां तक कि इंग्लैंड ने भी कैच छोड़े. यह हमेशा क्षमता की बात नहीं होती. कई बार यह परिस्थितियों की वजह से होता है."
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इस मैच में भारत ने कुल 10 कैच छोड़े, जो 2011 के बाद किसी टेस्ट में टीम इंडिया की सबसे खराब फील्डिंग रही. इनमें से चार कैच अकेले जायसवाल ने छोड़े. इन मौकों ने इंग्लैंड को लक्ष्य का पीछा 14 ओवर शेष रहते ही पूरा करने का मौका दिया. श्रीधर ने जायसवाल को उत्कृष्ट गली फील्डर बताया और आलोचकों की निंदा की.
उन्होंने कहा, 'वह दरअसल एक बेहतरीन गली फील्डर हैं. इसमें कोई गलती मत कीजिए. उन्होंने केवल दो खराब मैच खेले हैं. एक मेलबर्न में और एक यहां लीड्स में. बाकी समय उनका प्रदर्शन शानदार रहा है. बांग्लादेश के खिलाफ कानपुर में जो कैच उन्होंने पकड़े थे, वो अद्भुत थे.