Hardik Pandya, World Cup 2023: आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय क्रिकेट टीम ने जीत के शानदार धांसू शुरुआत की है. टीम ने अपना पहला मैच 8 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में खेला, जिसमें 6 विकेट से जीत दर्ज की. यह मैच काफी रोमांचक रहा, जिसमें केएल राहुल, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा हीरो रहे.
मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने 200 रनों का टारगेट दिया था. इसके जवाब में भारतीय टीम ने 4 विकेट गंवाकर यह मैच जीत लिया. केएल राहुल 97 रन बनाकर नाबाद रहे. जबकि कोहली ने 85 रनों की पारी खेली. राहुल अपने शतक से 3 रन दूर रह गए और इसको लेकर स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या जमकर ट्रोल हुए.
राहुल शतक से चूके, इसके बाद पंड्या हुए ट्रोल
दरअसल, भारतीय टीम ने 167 रनों पर चौथा विकेट गंवाया था. तब राहुल 75 रन बनाकर खेल रहे थे और पंड्या बतौर नए बल्लेबाज आए थे. तब भारतीय टीम को जीत के लिए 74 गेंदों पर 33 रनों की जरूरत थी. तब पंड्या आए और उन्होंने छक्का जमाते हुए मैच में कुल 11 रन बनाए. इस दौरान वो सही मौके पर राहुल को स्ट्राइक भी देने में सफल नहीं हुए.
भारतीय टीम को 42वें ओवर में जीत के लिए 5 रनों की जरूरत थी, तब राहुल ने चौके की उम्मीद करते हुए ऑफ कवर की ओर हवाई शॉट खेला, लेकिन बॉल डायरेक्ट बाउंड्री पार चली गई और छक्के के साथ भारतीय टीम ने यह मैच जीत लिया. मगर राहुल 97 रन बनाकर नाबाद रहे और शतक से चूक गए.
राहुल का प्लान पहले चौका और छक्का लगाकर जीत के साथ शतक पूरा करने का था. मगर ऐसा नहीं हुआ और सोशल मीडिया पर फैन्स इसके लिए पंड्या को जिम्मेदार ठहराने लगे. इसके बाद पंड्या जमकर ट्रोल भी हुए. पंड्या ऐसे ही एक मामले में हाल ही में एक बार ट्रोल हो चुके हैं.
इससे पहले भी पंड्या हुए थे ट्रोल, यूजर्स ने कहा था "बेशर्म"
यह वाकया इसी साल अगस्त का है, जब भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज दौरे पर 5 मैचों की टी20 सीरीज खेली थी. तब सीरीज के तीसरे मैच में तिलक वर्मा 49 रन बनाकर नाबाद रहे थे. तब टीम के कप्तान हार्दिक पंड्या ने विजयी छक्का जड़ा था. मगर पंड्या का यह छक्का जड़ना उनके लिए मुसीबत बन गया.
तब भी सोशल मीडिया पर उन्हें बुरी तरह से ट्रोल किया गया था. दरअसल, जब पंड्या ने यह विजयी छक्का जड़ा तो उस समय तिलक वर्मा 49 रन पर नाबाद थे. तिलक के पास लगातार दूसरी फिफ्टी जड़ने का मौका था. उन्होंने पहले विंडीज के खिलाफ पहले टी20 मैच में 39, दूसरे टी में 51 रन बनाए थे. मगर पंड्या ने छक्का जड़कर तिलक को फिफ्टी लगाने का मौका तक नहीं दिया. इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने कप्तान हार्दिक पंड्या को "बेशर्म" करार कर दिया.
मगर यहां बता दें कि पंड्या अकेले प्लेयर नहीं हैं, जिनको ऐसी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं. इससे पहले राहुल द्रविड़ से लेकर कई दिग्गज खिलाड़ियों को भी ऐसी ही आलोचनाएं झेलनी पड़ीं. आइए जानते हैं इनके बारे में...
कप्तान द्रविड़ ने सचिन का दोहरा शतक नहीं बनने दिया था
मार्च 2004 में भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक मुल्तान टेस्ट खेला था. तब वीरेंद्र सहवाग टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय बने थे. इस मैच में एक और रिकॉर्ड बनने वाला था, लेकिन कप्तानी संभाल रहे राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी. यह सचिन तेंदुलकर के दोहरा शतक बनने का रिकॉर्ड था.

सचिन 194 पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तभी ड्रेसिंग रूम में बैठे कप्तान द्रविड़ ने अचानक पारी घोषित कर दी. उनके इस फैसले पर मीडिया, फैन्स और एक्सपर्ट सभी ने सवाल उठाए. द्रविड़ को फैन्स ने स्वार्थी तक कहा था. आज भी फैन्स द्रविड़ के उस फैसले पर सवाल खड़े करते दिखते हैं. मगर सचिन ने भी अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माय वे' इस घटना का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि वह इससे इतने निराश थे कि राहुल द्रविड़ से कह दिया था कि वह उन्हें अकेला छोड़ दें.
संगकारा, दिलशान और सूरज ने मिलकर सहवाग को रोका था
2010 में भारतीय टीम ने श्रीलंका दौरे पर ट्राई सीरीज खेली थी. तीसरी टीम न्यूजीलैंड थी. उसी दौरान दाम्बुला वनडे मैच में श्रीलंका ने 171 रनों का टारगेट दिया था. जवाब में विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय टीम को जीत दिलाई थी. तब सहवाग 99 रनों पर नाबाद रहे थे. उन्हें शतक के लिए 1 रन की जरूरत थी. तब उन्हें शतक से रोकने के लिए श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा, तिलकरत्ने दिलशान और गेंदबाजी कर रहे स्पिनर सूरज रणदीव तीनों ने मिलकर साजिश रची थी.
दरअसल, भारत को 35वें ओवर की शुरुआत में जीत के लिए 5 रन चाहिए थे और वीरू अपने शतक से सिर्फ 1 रन दूर थे. तब सूरज ने पहली ही गेंद पर बाई के अतिरिक्त 4 रन दे दिए. इसके बाद जब जीत और शतक के लिए 1 रन चाहिए था. तब सूरज ने नो-बॉल डाल दी. हालांकि वीरू ने छक्का जड़ा था, लेकिन जीत के लिए 1 ही रन चाहिए था इसलिए छक्का नहीं जोड़ा गया और वो शतक से चूक गए.
उस मैच में जब एक रन चाहिए था. तब माइक स्टम्प पर संगकारा को सिंहली में यह कहते हुए सुना गया कि, 'यदि वह गेंद को हिट करता है, तो उसे रन मिलता है.' साजिश में दिलशान भी थे, जिन्होंने रणदीव को जानबूझकर नो बॉल फेंकने की सलाह दी थी. तब श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने बाद में कार्रवाई करते हुए सूरज रणदीव पर एक मैच का बैन लगाया था जबकि तिलकरत्ने दिलशान पर जुर्माना ठोका गया था.
पोलार्ड का नाम भी लिस्ट में शामिल, लुईस को शतक से रोका था
नकारात्मक क्रिकेट के कई ऐसे उदाहरण हैं, जो हमेशा फैंस को चौंकाते रहे हैं और आलोचनाओं का शिकार होते हैं. इसी कड़ी में कैरेबियाई धुरंधर कीरोन पोलार्ड का नाम भी शामिल है. उनकी यह घटिया हरकत सितंबर 2017 में सामने आई थी, जो तब काफी सुर्खियों में रही थी. दरअसल, पोलार्ड ने कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) में इविन लुईस को रिकॉर्ड सबसे तेज शतक बनाने से रोकने के लिए जानबूझकर नोबॉल डाली थी.
दरअसल, मैच में बारबाडोस ट्राइडेंट्स ने 9 विकेट पर 128 रन बनाए थे. तब जवाब में सेंट किट्स एंड नेविस पेट्रियट्स की टीम ने 7 ओवर में बिना विकेट खोए टारगेट हासिल कर लिया था. इविन लुईस 32 गेंदों पर 97 और क्रिस गेल 14 गेंदों पर 22 रन बनाकर नाबाद रहे थे.
मैच में 7 ओवर में दोनों टीमों का स्कोर बराबर था. तब जीत के लिए 1 रन चाहिए था और लुईस स्ट्राइक पर थे. 8वां ओवर पोलार्ड ने किया था. तब माना जा रहा था कि लुईस उनकी गेंद पर बाउंड्री लगाकर टूर्नामेंट का सबसे तेज शतक बनाने का रिकॉर्ड बना लेंगे. मगर पोलार्ड ने जानबूझकर नोबॉल कर उस लुईस को शतक से वंचित कर दिया था.