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Nitish Kumar Reddy: 'नीतीश को बनाए रखें...', पूर्व कप्तान अनिल कुंबले की खरी-खरी, बार-बार टीम बदलने की जल्दबाजी क्यों?

अनिल कुंबले ने नीतीश कुमार रेड्डी की सराहना की. उन्होंने रेड्डी की फिटनेस, अनुशासन और ऑलराउंड क्षमता की तारीफ की और उन्हें टीम में लगातार मौका देने की बात कही. इंग्लैंड दौरे पर अपना दूसरा मैच खेल रहे रेड्डी तीसरे टेस्ट के पहले दिन 2 विकेट लेकर भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे.

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बेन डकेट के विकेट का जश्न मनाते नीतीश कुमार रेड्डी. (Getty)
बेन डकेट के विकेट का जश्न मनाते नीतीश कुमार रेड्डी. (Getty)

पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले का कहना है कि ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी को राष्ट्रीय टेस्ट टीम का नियमित हिस्सा होना चाहिए. वह अनुशासित और प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. इंग्लैंड दौरे पर अपना दूसरा मैच खेल रहे रेड्डी तीसरे टेस्ट के पहले दिन 2 विकेट लेकर भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे.

कुंबले ने 7वां टेस्ट खेल रहे रेड्डी के बारे में जियोस्टार के 'मैच सेंटर लाइव' शो पर कहा, 'यह देखकर हैरान था कि नीतीश कुमार रेड्डी ने कितनी अच्छी गेंदबाजी की. उन्होंने लगातार सही क्षेत्रों में गेंद डाली. वह भाग्यशाली थे जो उन्हें लेग साइड में डाली गई शॉर्ट पिच गेंद पर विकेट मिला, लेकिन इसके अलावा उन्होंने पूरे दिन अनुशासित गेंदबाजी की.’

उन्होंने कहा, 'मुझे लगा नीतीश ने ऑस्ट्रेलिया में काफी अच्छा प्रदर्शन किया, बल्ले से शतक लगाया और भले ही ज्यादा विकेट नहीं निकाले, लेकिन गेंदबाजी भी ठीक-ठाक की. ऐसे खिलाड़ी से आपको यही चाहिए कि वह साझेदारियां तोड़े और तेज गेंदबाजों को आराम दे, साथ ही खेल पर नियंत्रण बनाए रखे.'

लेग स्पिन के दिग्गज ने कहा, 'उन्होंने एक ही स्पेल में लगभग 14 ओवर डाले, यह उनकी फिटनेस और नियंत्रण को दिखाता है. वह युवा हैं. अच्छे बल्लेबाज हैं और शतक लगा चुके हैं. तेज फील्डर भी हैं. भारत को उसे लगातार मौका देना चाहिए और बार-बार टीम बदलने की गलती नहीं करनी चाहिए.'

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कुंबले ने कहा कि लॉर्ड्स की पिच बल्लेबाजों के लिए मुश्किल साबित हुई, जिसके चलते इंग्लैंड को अपनी आक्रामक शैली छोड़कर संभलकर खेलने की रणनीति अपनानी पड़ी. पहले दिन का खेल 251/4 पर खत्म हुआ.

पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट ने भी इंग्लैंड की रणनीति में बदलाव की ओर इशारा किया. ट्रॉट ने कहा, 'दिन की शुरुआत से ही मैच दिलचस्प था, खासकर टॉस से. इंग्लैंड ने पहले दो टेस्ट के मुकाबले अलग तरीका अपनाया. ओली पोप (44) ने 'बैजबॉल' स्टाइल में आक्रामक शुरुआत की, लेकिन जल्दी ही समझ आ गया कि ये पिच उस तरह की नहीं है. उन्होंने अपने खेल को जल्दी ढाल लिया, इसके लिए उन्हें श्रेय देना चाहिए.' 
 

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