scorecardresearch
 

हमारा सूरज जाग रहा है, ज्यादा एक्टिव हो गया है... NASA वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

सूरज की गतिविधियां बढ़ रही हैं. नासा को इसका कारण नहीं पता. 2019 में वैज्ञानिकों ने सोचा था कि सोलर साइकिल 25 कमजोर होगा, लेकिन यह औसत से ज्यादा एक्टिव है. 2008 से सौर हवा की ताकत बढ़ रही है. सनस्पॉट्स पूरी तस्वीर नहीं दिखाते. सौर तूफान और CMEs से बिजली, सैटेलाइट्स प्रभावित हो सकते हैं. नासा निगरानी और शोध कर रहा है.

Advertisement
X
सूरज से निकलने वाले सौर तूफानों का सीधा असर धरती के वायुमंडल पर होता है. (File Photo: Getty)
सूरज से निकलने वाले सौर तूफानों का सीधा असर धरती के वायुमंडल पर होता है. (File Photo: Getty)

सूरज जो हमें रोज स्थिर और शांत दिखता है, वास्तव में बहुत उथल-पुथल भरा है. हर 11 साल में सूरज का एक चक्र (सोलर साइकिल) होता है, जिसमें उसकी गतिविधियां बढ़ती-घटती हैं. नासा और NOAA ने 2019 में अनुमान लगाया था कि वर्तमान 25वां सोलर साइकिल (2020-2031) कमजोर होगा, लेकिन यह उम्मीद से ज्यादा एक्टिव निकला. अब वैज्ञानिकों का कहना है कि सूरज की गतिविधियां 2008 से धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. यह 11 साल के चक्र से बाहर जा रही है. 

सूरज का सोलर साइकिल क्या है?

सूरज हर 11 साल में एक चक्र से गुजरता है, जिसे सोलर साइकिल कहते हैं. इसमें सूरज की गतिविधियां पहले बढ़ती हैं (सोलर मैक्सिमम) और फिर कम होती हैं (सोलर मिनिमम). इस दौरान सूरज पर धब्बे (सनस्पॉट्स), सौर ज्वालाएं (सोलर फ्लेयर्स) और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) जैसी घटनाएं बढ़ती हैं. सोलर मैक्सिमम में सूरज के चुंबकीय ध्रुव (पोल्स) आपस में बदल जाते हैं.

यह भी पढ़ें: कोरोना से इतने दिन संक्रमित रहा ये शख्स कि बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड, आया था खतरनाक अलर्ट

वैज्ञानिक 25 सोलर साइकिल्स (लगभग 275 साल) से इसका अध्ययन कर रहे हैं, जिसमें सनस्पॉट्स गिनती का मुख्य आधार हैं. सनस्पॉट्स सूरज की सतह पर काले धब्बे होते हैं, जो उसकी गतिविधि को दिखाते हैं. ज्यादा सनस्पॉट्स का मतलब ज्यादा सक्रिय सूरज.

Advertisement

 Sun is more active

नासा की गलत भविष्यवाणी

2019 में सोलर साइकिल 24 के खत्म होने पर नासा और NOAA ने भविष्यवाणी की थी कि सोलर साइकिल 25 (2020-2031) कमजोर होगा, जैसा कि साइकिल 24 था. साइकिल 24 (2008-2019) बहुत कमजोर था, जिसमें सनस्पॉट्स और सौर ज्वालाएं कम थीं. लेकिन साइकिल 25 में सूरज की गतिविधियां औसत से ज्यादा निकलीं, जो वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्यजनक है.

नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के प्लाज्मा भौतिकशास्त्री जेमी जसिंस्की कहते हैं कि सभी संकेत बता रहे थे कि सूरज कम गतिविधि के लंबे दौर में जा रहा है. लेकिन यह उल्टा हो गया. सूरज धीरे-धीरे और सक्रिय हो रहा है. 

सूरज की गतिविधियां क्यों बढ़ रही हैं?

जसिंस्की और उनके सहयोगी मार्को वेरी (JPL) ने सूरज के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि 2008 से सूरज की सौर हवा की ताकत बढ़ रही है. सौर हवा सूरज से निकलने वाली चार्ज्ड कणों की धारा है, जिसकी ताकत गति, घनत्व, तापमान, दबाव और चुंबकीय क्षेत्र से मापी जाती है. यह सभी चीजें 2008 से बढ़ रही हैं.

यह भी पढ़ें: भारत बंगाल की खाड़ी में एक और बड़े मिसाइल परीक्षण की तैयारी में

वैज्ञानिकों को नहीं पता कि ऐसा क्यों हो रहा है. सूरज के अंदर की जटिल प्रक्रियाएं इसका कारण हो सकती हैं, जो अभी पूरी तरह समझी नहीं गई हैं. पहले के रिकॉर्ड में भी सूरज ने अप्रत्याशित व्यवहार दिखाया है. उदाहरण के लिए...

Advertisement
  • मॉन्डर मिनिमम (1645-1715): 70 साल तक सूरज पर लगभग कोई सनस्पॉट्स नहीं दिखे.
  • डाल्टन मिनिमम (1790-1830): 40 साल तक गतिविधियां कम रहीं.

जसिंस्की कहते हैं कि हमें नहीं पता कि 1790 में सूरज 40 साल तक कम सक्रिय क्यों रहा. लंबे समय के रुझान की भविष्यवाणी करना मुश्किल है.

 Sun is more active

सोलर साइकिल 24 और 25 की तुलना

साइकिल 22 और 23 (1986-2008): ये औसत साइकिल थे, लेकिन सौर हवा का दबाव कम होता गया. वैज्ञानिकों ने सोचा कि सूरज फिर से मॉन्डर या डाल्टन जैसे कम सक्रिय दौर में जा रहा है.

  • साइकिल 24 (2008-2019): यह सबसे कमजोर साइकिलों में से एक थी, सनस्पॉट्स और ज्वालाएं बहुत कम थीं.
  • साइकिल 25 (2020-2031): यह औसत साइकिल की तरह सक्रिय है, लेकिन सौर हवा की ताकत लगातार बढ़ रही है.

हेल साइकिल: सूरज का असली चक्र?

वैज्ञानिकों ने पाया कि सूरज का असली चक्र 22 साल का हो सकता है, जिसे हेल साइकिल कहते हैं. इसमें दो सोलर साइकिल (11+11 साल) मिलकर एक पूरा चक्र बनाते हैं, जब सूरज के चुंबकीय ध्रुव अपनी मूल स्थिति में वापस आते हैं. जसिंस्की और वेरी का कहना है कि हेल साइकिल सूरज की गतिविधियों को समझने का मुख्य आधार हो सकता है.

यह भी पढ़ें: जो फाइटर जेट भारत को बेचना चाहता है अमेरिका, उसी को लेकर कनाडा को दे दी धमकी

Advertisement

बढ़ती गतिविधियों के क्या प्रभाव होंगे?

सूरज की बढ़ती गतिविधियां अंतरिक्ष मौसम (स्पेस वेदर) को प्रभावित कर सकती हैं. इसके प्रभाव...

  • सौर तूफान (सोलर स्टॉर्म): सौर ज्वालाएं और CMEs पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे बिजली ग्रिड, सैटेलाइट्स और संचार सिस्टम में खराबी आ सकती है.
  • नॉर्दन लाइट्स (Aurora): सौर हवा से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर औरोरा ज्यादा दिख सकता है.
  • अंतरिक्ष मिशन: सौर गतिविधियां अंतरिक्ष यात्रियों और सैटेलाइट्स के लिए खतरा बढ़ा सकती हैं.

हालांकि, 20वीं सदी की शुरुआत की तुलना में सौर हवा अभी भी कमजोर है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें और डेटा इकट्ठा करना होगा कि यह बढ़ती रहेगी या स्थिर हो जाएगी.

सनस्पॉट्स की सीमाएं

वैज्ञानिकों ने पहले सनस्पॉट्स को सूरज की गतिविधि का मुख्य संकेत माना था. लेकिन यह स्टडी बताती है कि सनस्पॉट्स पूरी तस्वीर नहीं दिखाते. सौर हवा, चुंबकीय क्षेत्र और अन्य कारकों का अध्ययन जरूरी है. सूरज एक जटिल इंजन है. उसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है.

नासा का अगला कदम

नासा और वैज्ञानिक सूरज की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. सौर मिशन जैसे पार्कर सोलर प्रोब और सोलर ऑर्बिटर से डेटा इकट्ठा किया जा रहा है. यह स्टडी 'द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' में छपी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें सूरज के व्यवहार को समझने के लिए और शोध करना होगा.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement