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Surya Grahan 2022: साल का अंतिम सूर्य ग्रहण उथल-पुथल मचाएगा? पंडितों ने युद्ध पर की ये भविष्यवाणी

Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. 27 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जिसमें ये ग्रहण दिवाली के अगले दिन पड़ रहा है. सूर्य ग्रहण के सूतक लगने के बाद न तो मंदिर में पूजा की जाती है. ना हीं जल और अन्न ग्रहण किया जाता है. आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के बाद क्या खास उपाय करने हैं.

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सूर्य ग्रहण (PC: Getty Images)
सूर्य ग्रहण (PC: Getty Images)

Surya Grahan 2022: ये साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है. 27 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जिसमें ये ग्रहण दिवाली के अगले दिन पड़ रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर यानी आज दोपहर में लग चुका है. भारत में यह सूर्य ग्रहण अपराह्न लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू हो गया है जो सायंकाल 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये सूर्य ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में होगा. भारत में ये सूर्य ग्रहण आंशिक रहेगा. 

ये सूर्य ग्रहण विशेष क्यों है

ये सूर्य ग्रहण खास इसलिए है क्योंकि ग्रहण में सूर्य, चंद्रमा, शुक्र, केतु का संयोग तुला राशि में बन रहा है. इस संयोग पर शनि की दृष्टि भी होगी. सूर्य, केतु, शनि का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बनेगी. अगले एक महीने तक राजनैतिक रूप से भयंकर उथल पुथल मच सकती है. मेष, तुला राशि सूर्य ग्रहण का प्रभाव युद्ध और विस्फोट के संकेत दे रहा है. शेयर बाजार और दुनियाभर की आर्थिक स्थिति भी इसका प्रभाव पड़ेगा. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कनाडा, अमेरिका और यूरोप में ज्यादा समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. 

सूर्य ग्रहण में इन सावधानियों का करें पालन

1. ग्रहण के दौरान भोजन न करें.

2. जिस भी ईश्वर को मानते हैं उनकी उपासना करें या भगवान के नाम का भजन करें.

3. ग्रहण काल के समाप्त होने पर स्नान करें.

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4. ग्रहण के नियम बीमार, वृद्ध और बच्चों पर लागू नहीं होते हैं. 

5. ग्रहण के बाद किसी जरूरतमंद को दान करें जैसे- गेहूं, गुड़, आटा, तांबे के बर्तन आदि.

6. अगर किसी को खाना देना है तो खाने में तुलसी के पत्ते डाल दीजिए.   

7. पहले आंखें बंद करके सूर्य का ध्यान करें. 

8. फिर सूर्य के इक्कीस नाम लें, ये नाम हैं - विकर्तन, विवस्वान , मार्तण्ड , भास्कर , रवि , लोकप्रकाशक , श्रीमान , लोकचक्षु , गृहेश्वर , लोकसाक्षी , त्रिलोकेश , कर्ता , हर्ता , तमिस्त्रहा , तपन , तापन , शुचि , सप्ताश्ववाहन , गभस्तिहस्त , ब्रह्मा , सर्वदेवनमस्कृत. 

9. धर्मशास्त्रों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के दौरान सिलाई बुनाई नहीं करनी चाहिए.

सूर्य ग्रहण के दौरान मंत्र जाप

मंत्राधिनाम दयवाधिनाम जगतसर्वा, मंत्राधिनाम कूदेवता 

आप इस समय सूर्य के मंत्रों का जाप करें. हनुमान चालीसा का जाप करें. जो लोग इस समय सूर्य का जाप करेंगे, उन लोगों कि कुंडली में कोई दोष नहीं आएगा. 

सूर्य ग्रहण नंगी आंखों से न देखें

ऐसा कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. तह तक कि सूर्य ग्रहण समाप्त न हो जाए. सूर्य ग्रहण को सीधे देखने से एक्लिप्स ब्लाइंडनेस" या रेटिनल बर्न हो सकता है. जिसे सोलर रेटिनोपैथी कहते हैं. दरअसल, सूर्य ग्रहण की छाया आंखों के रेटिना को खराब कर देता है. जो कि सीधा आपके दिमाग से जुड़ता है. आंखों की इस दिक्कत के बारे में आसानी से स्पष्ट नहीं होता है क्योंकि इसका पता कुछ घंटों या दिन में भी लग सकता है. 

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सूर्य ग्रहण के बाद करें ये उपाय

सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद तुलसी के पौधे पर गंगाजल छिड़कर उसे शुद्धकर लें. पूर्व की ओर मुख करके पूजा घर गंगाजल का छिड़काव करें. घर में सारे परिवार वालों पर भी गंगा जल का छिड़काव करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के बाद तिल और चने की दाल का दान किया जाता है. कहते हैं कि ऐसा करने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है. सूर्य ग्रहण के समापन बाद घर में झाड़ू के साथ पोछा भी अवश्य लगाएं. ग्रहण के बाद स्नान के साथ दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए जितना संभव हो दान करें. स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों का असर खत्म हो जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवी-देवताओं के दर्शन करना शुभ माना गया है. इसलिए ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें और देवी-देवताओं के दर्शन करें.

 

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