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Nepal Protest: काठमांडू में कर्फ्यू में छूट के बीच भक्तों का तांता, कुमारी देवी मंदिर पूजा करने पहुंचे हजारों श्रद्धालु

Nepal Protest: इस समय नेपाल के काठमांडू का हाल बेहाल है. लेकिन कल कर्फ्यू में थोड़ी छूट के बाद कुमारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी. दरअसल, हर साल काठमांडू में इंद्र जाता उत्सव मनाया जाता है. यह त्योहार पूरे 8 दिनों के लिए मनाया जाता है.

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काठमांडू में 8 दिनों तक मनाया जाता है इंद्र जात्रा उत्सव (Photo: PTI)
काठमांडू में 8 दिनों तक मनाया जाता है इंद्र जात्रा उत्सव (Photo: PTI)

Nepal Gen Z Protest: नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध ने पूरे देश में हलचल मचा दी है. हजारों युवा, खासकर Genz  सड़कों पर उतर आए और उन्होंने सरकार के इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाकर प्रदर्शन किए. वहां के युवा चाहते हैं कि सरकार तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगी पाबंदी को हटाए. क्योंकि, आज के दौर में सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह युवाओं के लिए अपनी बात दुनिया तक पहुंचाने का एक माध्यम है. इस बैन ने उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए हैं, जिससे वहां के युवाओं में गुस्सा और निराशा साफ देखी जा रही है.

वहां की सरकार ने प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए नेपाल में कर्फ्यू लागू कर दिया. इसी बीच, काठमांडो में कल कर्फ्यू में कुछ ढील के बाद वहां के कुमारी देवी मंदिर में एक अलग ही नजारा देखने को मिला. दरअसल, कर्फ्यू में ढील देने के बाद कुमारी मंदिर में इंद्र जात्रा का उत्सव मनाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. 

क्या है इंद्र जात्रा का उत्सव?

इंद्र जात्रा का उत्सव काठमांडू और उसके आसपास के क्षेत्रों में हर साल बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इंद्र जात्रा उत्सव में कुमारी देवी यानी जीवित देवी की उपासना की जाती है. इंद्र जात्रा का त्योहार पूरे 8 दिनों तक मनाया जाता है.

कुमारी देवी मंदिर में इंद्र जात्रा का उत्सव (Photo: ntb.gov.np)

साथ ही, यह उत्सव आमतौर पर सितंबर महीने में मनाया जाता है और इसका आयोजन बारिश के देवता इंद्र की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है. मान्यता है कि इस पर्व को मनाने से अच्छी बारिश होती है, फसलें लहलहाती हैं और जीवन में समृद्धि आती है.

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कौन हैं कुमारी देवी?

कुमारी देवी को नेपाल की जीवित देवी कहा जाता है. मान्यतानुसार, छोटी उम्र की एक कन्या, जिसमें देवी शक्ति का वास माना जाता है, उसको देवी के रूप में चुनकर इस दौरान उनकी उपासना की जाती है. इस पर्व में कुमारी देवी को विशेष रथ पर बिठाकर पूरे काठमांडू में उनकी झांकी निकाली जाती है. वहां, लोगों का ऐसा मानना है कि भक्त मानते हैं कि इस झांकी के दौरान कुमारी देवी का दर्शन करना बेहद शुभ होता है और इससे जीवन की परेशानियां कम होती हैं. 

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