Krishna Janmashtami Puja Muhurat 2025: आज देशभर में जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं. कान्हा जी का श्रृंगार करते हैं और भगवान को उनका प्रिय भोग लगाते हैं. इस बार जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 04 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 32 मिनट निर्धारित है. आइए ऐसे में जानते हैं कि अलग-अलग शहरों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त क्या रहने वाला है.
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2025 (Krishna Janmashtami 2025 Puja Muhurat City Wise)
| शहर का नाम | जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2025 |
| नई दिल्ली | रात 12:04 बजे से रात 12:47 बजे तक |
| नोएडा | रात 12:03 बजे से रात 12:46 बजे तक |
| पुणे | रात 12:16 बजे से रात 01:02 बजे तक |
| चेन्नई | रात 11:50 बजे से रात 12:36 बजे तक |
| जयपुर | रात 12:09 बजे से रात 12:53 बजे तक |
| हैदराबाद | रात 11:58 बजे से रात 12:43 बजे तक |
| गुरुग्राम | रात 12:04 बजे से रात 12:48 बजे तक |
| चंडीगढ़ | रात 12:06 बजे से रात 12:49 बजे तक |
| कोलकाता | रात 12:19 बजे से रात 12:03 बजे तक |
| मुंबई | रात 12:20 बजे से रात 01:05 बजे तक |
| बेंगलुरु | रात 12:01 बजे से रात 12:47 बजे तक |
| अहमदाबाद | रात 12:22 बजे से रात 01:06 बजे तक |
| मथुरा-वृंदावन | रात 12:02 बजे से रात 12:46 बजे तक |
कितने बजे लगेगा रोहिणी नक्षत्र?
इस बार अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है. रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त को सुबह 04.38 बजे प्रारंभ होगा और इसका समापन 18 अगस्त को तड़के 03.17 बजे होगा. इसलिए उत्तम यही होगा कि आप आज रात बन रहे शुभ मुहूर्त में ही भगवान की पूजा-उपासना कर लें.
जन्माष्टमी? की पूजन विधि क्या है (Shri Krishna Janmashtami 2025 Pujan vidhi)
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करके व्रत या पूजा का संकल्प लें. यदि आपने व्रत का संकल्प लिया है तो आपको यह व्रत निर्जला करना होगा. कुछ खास परिस्थितियों में आप जलाहार या फलाहार भी यह व्रत रख सकते हैं. इस दिन पूर्णत: सात्विक रहें. मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण की धातु की प्रतिमा को किसी पात्र में रखें. उस प्रतिमा को पहले दूध, फिर दही, शहद, शक्कर और अंत में घी से स्नान कराएं. इसे पंचामृत स्नान कहते हैं. इसके बाद कान्हा को जल से स्नान कराएं.
श्री कृष्ण को पीताम्बर, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें. ध्यान रखें कि अर्पित की जाने वाली चीजें शंख में डालकर ही अर्पित करें. पूजा करने वाले लोग इस दिन काले या सफेद वस्त्र धारण न करें. मनोकामना के अनुसार, मंत्र जाप करें. प्रसाद ग्रहण करें और दूसरों में भी बांटें
कैसे करें श्रीकृष्ण का श्रृंगार? (Krishna Janmashtami 2025 Shringar Vidhi)
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के श्रृंगार में फूलों का विशेष महत्व होता है. पूजा में ताजे और सुंगधित फूलों का इस्तेमाल जरूर करें. लड्डु गोपाल को इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनाएं. माथे और शरीर पर गोपी चंदन और चंदन का लेप लगाएं. ध्यान रहे कि कृष्ण के श्रंगार में काले रंग के कपड़ों का इस्तेमाल न करें. भगवान को वैजयंती के फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है. श्रृंगार पूर्ण होने के बाद कान्हा को आईना दिखाकर उनकी सुंदरता का दर्शन कराएं.
इन मंत्रों और स्तुतियों से भगवान कृष्ण की पूजा करें (Krishna Janmashtami 2025 Mantra)
भगवान कृष्ण का नाम ही एक महामंत्र है. इसका भी जप किया जा सकता है. इसके अलावा आप "हरे कृष्ण" महांत्र का भी जप कर सकते हैं . जीवन में प्रेम और आनंद के लिए "मधुराष्टक" का पाठ करें. श्री कृष्ण को गुरु रूप में प्राप्त करने के लिए श्रीमदभगवदगीता का पाठ करें. अपनी समस्त कामनाओं को पूर्ण करने के लिए "गोपाल सहस्त्रनाम" का पाठ भी कर सकते हैं.