Guru Vakri 2025 Date: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति का गोचर बहुत ही खास माना जाता है. वहीं, गुरु का वक्री होना भी किसी संयोग से कम नहीं माना जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति 11 नवंबर को कर्क राशि में वक्री होंगे यानी उल्टी चाल चलेंगे. जानकारी के लिए आपको दें कि 18 अक्टूबर को देवगुरु बृहस्पति ने अपनी उच्च राशि कर्क राशि में प्रवेश किया था.
ज्योतिषियों के अनुसार, इस समय गुरु अपनी अतिचारी अवस्था में हैं. पूरे साल 12 बाद देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में वक्री होंगे, जिसका समय रात 10 बजकर 11 मिनट होगा. इसके बाद 5 दिसंबर तक इसी अवस्था में रहेंगे और फिर मिथुन राशि में चले जाएंगे. गुरु के इस परिवर्तन से कई राशियों की किस्मत चमकने वाली है. तो चलिए जानते हैं कि देवगुरु बृहस्पति की वक्री चाल से किन राशियों का गोल्डन टाइम शुरू होगा.
1. वृषभ
गुरु के वक्री होने से वृषभ राशि वालों के लिए धन और करियर से जुड़े कार्यों में तेजी आएगी. कोई पुराना रुका हुआ पैसा मिल सकता है. बिजनेस से जुड़ी योजनाओं में पहले जो अड़चनें थीं, अब धीरे-धीरे दूर होंगी. जो जातक सरकारी क्षेत्र में हैं, उन्हें प्रमोशन या सम्मान मिलने की संभावना है. परिवार में बड़ों का सहयोग मिलेगा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
2. कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए वक्री गुरु सौभाग्यशाली साबित हो सकता है. लंबे समय से जो काम रुके हुए थे, वे अब गति पकड़ेंगे. करियर में प्रगति होगी, वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से प्रसन्न रहेंगे. घर में भी खुशियों का माहौल बनेगा. विदेश से जुड़ा कोई अवसर मिल सकता है या पुराना अटका हुआ काम अब पूरा होगा.
3. मकर
मकर राशि वालों के लिए गुरु का वक्री होना अच्छा माना जा रहा है. यह समय आपको आपके लक्ष्यों की दिशा में दोबारा ध्यान केंद्रित करने का अवसर देगा. पुराने निवेश या प्रॉपर्टी से लाभ हो सकता है. जो जातक किसी रिश्ते में हैं, उनके बीच की गलतफहमियां दूर होंगी. साथ ही, कार्यस्थल पर आपकी मेहनत को अब पहचान मिलेगी.