राजस्थान के धौलपुर में नवजात को बदलने को लेकर अस्पताल में हंगामा हो गया. अस्पताल प्रशासन ने पुलिस के दखल के बाद मामला शांत कराया. इसके बाद खुद अस्पताल के प्रबंधक ने मामले में जांच के बाद एसएनसीयू वार्ड के स्टाफ की गलती मानी. घटना के बाद पीड़ित परिजनों को उनका बच्चा सौंपा गया है.
मामला राजकीय सामान्य चिकित्सालय का है. जानकारी के मुताबिक, बाड़ी सदर थाना इलाके के रहने वाले संदीप जाटव की पत्नी रचना को डिलीवरी के लिए दो जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां उसने एक बेटे को जन्म दिया. इसके बाद नवजात की तबीयत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया.
नर्स के बुलाने पर एक साथ पहुंचीं दो मां
तीन जनवरी को वार्ड में तैनात नर्स ने बच्चे को रोता देखकर दूध पिलाने के लिए परिजनों को बुलाया. मगर, इस दौरान दो बच्चों की मां आ गईं और नर्स ने दोनों को बच्चे दे दिए. इसके बाद एक मां ने कहा कि यह मेरी बेटी नहीं है. मैंने बेटा को जन्म दिया था.
नवजात बच्ची को देखकर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया. वे कहने लगे कि रचना ने बेटा को जन्म दिया है. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को बुला लिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने अस्पताल प्रशासन के सहयोग से मामला शांत कराया.
मामले में राजकीय सामान्य चिकित्सालय के प्रबंधक पीएमओ डॉ. हरीकिशन मंगल ने बताया, "वार्ड में बच्चा रो रहा था, तो ड्यूटी पर तैनात नर्स ने बच्चे की मां के नाम से आवाज लगाई. इस दौरान दो प्रसूता वहां पहुंच जाती हैं. महिला की पहचान नहीं होने के कारण बेटा जन्म देने वाली महिला को बच्ची और बच्ची को जन्म देने वाली महिला को बेटा दूध पिलाने के लिए दे दिया.
अस्पताल में पहचान को लिए जारी की जाएगी आईडी
उन्होंने आगे बताया, "इस पर महिला ने कहा कि यह मेरा बच्चा नहीं है. मैंने बेटे को जन्म दिया था. इसके तुरंत बाद नर्स ने उससे बच्ची को वापस ले लिया. फिर नाम पता पूछ कर उसको उसका बच्चा दे दिया. अस्पताल में आगे से ऐसी घटना न हो, इसके लिए आईडी जारी किया जाएगा. साथ ही स्टाफ को भी सजग रहने के लिए कहा जाएगा."