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श्रीलंका से कोटा आया मरीज, 10 गुना कम खर्च में सफल नाक सर्जरी, सालों पुराना दर्द खत्म

Sri lankan Patient Surgery in Kota: नाक से जुड़ी गंभीर समस्या से जूझ रहे श्रीलंका के ज्ञान कविशका को आखिरकार भारत के कोटा शहर में सफल इलाज मिल पाया. एंडोस्कोपिक तकनीक से की गई सर्जरी ने उनको राहत दी है.

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कोटा में सर्जरी से हुआ श्रीलंकाई मरीज का सफल इलाज.(Photo: Representational)
कोटा में सर्जरी से हुआ श्रीलंकाई मरीज का सफल इलाज.(Photo: Representational)

करीब दस साल से नाक से जुड़ी गंभीर समस्या और लगातार रहने वाले सिरदर्द से जूझ रहे श्रीलंका के ज्ञान कविशका को आखिरकार कोटा में राहत मिल गई. कई देशों के अस्पतालों के चक्कर लगाने और असफल सर्जरी झेलने के बाद, कोटा के एक निजी अस्पताल में एंडोस्कोपिक तकनीक से की गई सर्जरी ने उनका जीवन बदल दिया.

डॉक्टरों के अनुसार, 33 साल के कविशका को राइनोजेनिक हेडेक जैसी दुर्लभ समस्या थी, जिसका कारण हाई सेप्टल डेविएशन था. इस स्थिति में नाक की संरचना में विकृति के कारण लगातार सिरदर्द बना रहता है.

कोटा में आधे से भी कम खर्च में राहत

ज्ञान कविशका ने 2018 में कोलंबो में इसी समस्या की सर्जरी कराई थी. उस समय उनका खर्च 5 से 6 लाख रुपए के बीच आया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. वहीं, कोटा में आधुनिक एंडोस्कोपिक तकनीक से की गई सर्जरी मात्र 60–70 हजार रुपए में पूरी हो गई और पूरी तरह सफल रही.

मरीज को करीब 10 दिन निगरानी में रखने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. स्वस्थ होने के बाद कविशका ने चंबल रिवर फ्रंट भी घूमकर देखा और इसे जीवन बदल देने वाला अनुभव बताया.

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लगातार सिरदर्द से जीवन अस्त-व्यस्त

सर्जरी करने वाले सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ. विनीत जैन ने बताया कि कविशका दुबई में रियल एस्टेट क्षेत्र में काम करते हैं. लगातार सिरदर्द के कारण वे अवसाद-रोधी दवाएं लेने पर मजबूर हो गए थे. दुबई में परामर्श के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया था.

डॉ. जैन के अनुसार, हाई सेप्टल डेविएशन के कारण नाक में बना दबाव लंबे समय से दर्द का कारण था, जिसे एंडोस्कोपिक सर्जरी के जरिए ठीक किया गया.

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