राजस्थान में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान डमी कैंडिडेट्स का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. एआई तकनीक की मदद से प्रदेश के कई शहरों में गड़बड़ी करने वाले 13 अभ्यर्थियों को पकड़ा गया. अलवर में पुलिस को सबसे बड़ी सफलता मिली. यहां पिंकी गुर्जर नाम की महिला अभ्यर्थी पकड़ी गई, जो पहले भी डमी कैंडिडेट बनकर दो परीक्षाएं दे चुकी है.
अलवर एडिशनल एसपी शरण गोपीनाथ कांबले ने बताया कि 14 सितंबर को आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान एनईबी थाना अधिकारी टीम के साथ परीक्षा केन्द्र पहुंचे. वहां पता चला कि पिंकी का बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट मैच नहीं हो रहा है. पूछताछ में पिंकी ने कबूला कि वह मई-जून 2025 में अपनी दोस्त आयुषी की जगह प्री बीएसटीसी/डी.एल.एड परीक्षा दे चुकी है. इस बार उसने खुद कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में दूसरी पारी दी, लेकिन एआई तकनीक से पुराना रिकॉर्ड सामने आ गया और उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया.
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान 13 डमी कैंडिडेट्स पकड़े गए
पुलिस ने पिंकी और उसके भाई ऋषिकेश को थाने लाकर पूछताछ की. कई अहम खुलासे हुए. पुलिस यह जांच कर रही है कि पिंकी किसी बड़े गैंग से जुड़ी है या नहीं, कितनी बार डमी बनकर परीक्षाएं दीं और कितने पैसे लेती थी. फिलहाल केस धौलपुर पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा में एंट्री के समय फिंगरप्रिंट और आई स्कैन लिया जाता है. एआई तकनीक से इन्हें पुराने रिकॉर्ड से मिलाया जाता है. इस बार एआई तकनीक की वजह से तुरंत फर्जीवाड़े की जानकारी मिली और कार्रवाई संभव हो सकी.
एआई तकनीक से पकड़े गए डमी कैंडिडेट्स
प्रदेशभर में जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर से 2-2 अभ्यर्थी, जबकि भीलवाड़ा, कोटा, बारां, दोसा और अलवर से 1-1 डमी कैंडिडेट पकड़ा गया. पुलिस का मानना है कि पूछताछ में और बड़े गैंग का खुलासा हो सकता है.