देश का हर नेता देश की सेवा करना चाहता है. संविधान के जरिए देश को आगे भी हर कोई ले जाना चाहता है. लेकिन पार्टी मेनिफेस्टो के सामने संविधान छोटा पड़ जाता है और सियासत करते-करते वोट बैंक की राजनीति में देश हाशिए पर चला जाता है.