बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की भीड़ ने दीपू दास की इसलिए मॉब लिंचिंग की क्योंकि उन पर पैगम्बर मोहम्मद साहब का अपमान करने का आरोप था. लेकिन अब बांग्लादेश की पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच में बताया है कि उसे दीपू पर लगे किसी भी आरोप का सबूत नहीं मिला है. इस पर ना तो किसी ने All Eyes On Bangladesh की मुहिम चलाई और ना ही किसी ने Hindu Lives Matter का नारा लगाया. क्या बांग्लादेश के 1 करोड़ 30 लाख अल्पसंख्यक हिंदुओं की जान की कोई कीमत नहीं? देखें ब्लैक एंड व्हाइट.