ओडिशा के नबरंगपुर जिले से एक दर्दनाक और हैरान करने वाली घटना सामने आई है. जहां नंदाहांडी ब्लॉक के पडालगुड़ा गांव में एक निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक में दम घुटने से चार लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में तीन सफाईकर्मी और एक स्थानीय युवक शामिल हैं. यह हादसा मंगलवार सुबह उस वक्त हुआ, जब टैंक का सेंट्रिंग स्लैब हटाने का काम किया जा रहा था.
स्थानीय लोगों के अनुसार गांव के एक व्यक्ति ने अपने घर के नए सेप्टिक टैंक का स्लैब हटवाने के लिए सफाईकर्मियों को बुलाया था. जैसे ही दो सफाईकर्मी टंकी में उतरे, उन्हें तुरंत दम घुटने की शिकायत हुई और वे बेहोश हो गए.
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जब दोनों सफाईकर्मियों को बाहर निकालने की कोशिश की गई तो तीसरा सफाईकर्मी मदद के लिए टंकी में उतरा, लेकिन वह भी अंदर ही बेहोश हो गया. तीनों की यह स्थिति देख कर वहां से गुजर रहा एक स्थानीय युवक मदद के लिए कूद पड़ा, लेकिन वह भी गैस की चपेट में आ गया.
घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. सभी चारों को टंकी से बाहर निकाला गया और तुरंत नबरंगपुर जिला अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल पहुंचने पर तीन सफाईकर्मियों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि स्थानीय युवक को गंभीर हालत में ICU में भर्ती किया गया. इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई.
इस हादसे में 28 साल के एम.संतु, 30 साल के अमिर खुड़ा, 25 साल के त्रिलोचन भतरा , 26 साल के लालू राणा कामरा की मौत हो गई. सभी शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. एक चश्मदीद का कहना है कि किसी भी सफाईकर्मी के पास सुरक्षा उपकरण या ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं था. टंकी पूरी तरह सील थी और लंबे समय से बंद रहने के कारण उसमें ऑक्सीजन की कमी हो गई थी, जो मौत का कारण बनी.
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वहीं नबरंगपुर जिला अस्पताल की डॉक्टर अलका मिश्रा ने कहा,"अस्पताल में लाए गए 4 लोगों में से 1 की हालत गंभीर थी और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था. इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई. बाकी तीन लोग अस्पताल लाते ही मृत घोषित कर दिए गए थे. सभी लोगों की मौत सेप्टिक टैंक में दम घुटने की वजह से ही हुई है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि लंग्स में हाइपोक्सिया की वजह से उनकी मौत हुई. मौत की असली वजह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगी."
नबरंगपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आदित्य सेन और SDPO कृष्ण चंद्र भत्रा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. यह घटना साफ दिखाती है कि कैसे सुरक्षा नियमों की अनदेखी इंसानी जान पर भारी पड़ सकती है. कई दिनों से बंद पड़ी टंकी में बिना सुरक्षा उपायों के उतरना जानलेवा हो सकता है.