केन्द्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) संगठन पर 5 साल का बैन लगा दिया है. इसके बाद अलग-अलग राज्य सरकारों ने भी अपने यहां इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने भी पीएफआई को प्रतिबंधित करार दिया है. जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं. साथ ही पीएफआई को प्रतिबंधित करने से जुड़ा गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया है.
राजस्थान सरकार ने एक बैठक कर पीएफआई को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया. जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. साथ ही इंदौर और भोपाल के पुलिस कमिश्नर समेत अन्य सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठनों के खिलाफ UAPA के तहत कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.
केन्द्र सरकार ने बुधवार को ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर 5 साल का बैन लगाया है. इसी के साथ उसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन तथा रिहैब फाउंडेशन केरल को भी कानून विरोधी गतिविधि (रोकथाम) कानून-1967 (UAPA) के तहत प्रतिबंधित करार दिया है.
केन्द्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर ही मध्यप्रदेश में इंदौर और भोपाल के पुलिस कमिश्नरों के साथ-साथ सभी जिला मजिस्ट्रेट को अपने क्षेत्राधिकार में UAPA की धारा-7 और धारा-8 के अधिकारों का उपयोग करते हुए कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है.
इस बीच मध्य प्रदेश के होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा ने किहा कि जिस तरह सिमी को नेस्तनाबूद किया गया, उसी तरह अब पीएफआई को खत्म करेंगे.