केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का निजी सचिव बताकर दो थाना प्रभारियों के ट्रांसफर के लिए मध्य प्रदेश के डीजीपी पर दबाव बनाने वाले जालसाज को ग्वालियर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि आरोपी की सिफारिश का इस्तेमाल कर तबादला कराने के आरोप में दो पुलिस इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है.
ग्वालियर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) अरविंद सक्सेना ने बताया, डबरा के पास टेकनपुर में रहने वाला पुष्पेंद्र दीक्षित (शर्मा) खुद को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का निजी सचिव जयकिशन बताता था. वह पुलिस समेत कई विभागों में कर्मचारियों का तबादला इसी नाम से करा रहा था.
आईजी ने बताया कि आरोपी फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरों के नाम से मोबाइल फोन सिम कार्ड हासिल कर रहा था और इन नंबरों का इस्तेमाल वरिष्ठ अधिकारियों को संदेश भेजने में कर रहा था.
आरोपी ने केंद्रीय मंत्री का पीए जयकिशन बनकर एमपी पुलिस के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना से भी संपर्क किया और दो इंस्पेक्टरों विजय यादव (शिवपुरी से भिंड) और पंकज त्यागी (गुना से ग्वालियर) के तबादले के संबंध में सिफारिश की थी.
लेकिन डीजीपी को संदेह हुआ तो उन्होंने संबंधित मोबाइल नंबरों की जांच करवाई तो पता चला कि केंद्रीय मंत्री के स्टाफ में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है. इसके बाद आरोपी पुष्पेंद्र दीक्षित को भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है. अब यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि क्या कितने लोगों को ठगा है?
आईजी ने कहा कि 2016 में आरोपी ने बीएसएफ कर्मचारियों के तबादले के लिए विदेश मंत्री के फर्जी सिफारिशी पत्र बनाए थे और नई दिल्ली के लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया था.
आरोपी के पास से कई लोगों के आधार कार्ड मिले हैं. आईजी ने कहा कि वह खुद को धार्मिक गुरु भी बताता था, बड़ी हस्तियों से मिलता था और उनके साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करता था.