मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि सूबे में 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान 27 से ज़्यादा सीटों पर 'वोटों की चोरी' हुई. कांग्रेस नेता का आरोप है कि इससे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 'अनैतिक लाभ' पहुंचाया गया.
राजधानी भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता सिंघार ने आंकड़ों पर आधारित ग्राफ़िक्स और आंकड़ों के जरिए यह भी दावा किया कि चुनाव से कुछ महीने पहले लाखों मतदाता जुड़े और जिन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार कम अंतर से हारे, वहां मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हार के अंतर से कहीं ज़्यादा पाई गई.
कांग्रेस नेता ने ज़ोर देकर कहा, "राज्य की 27 से ज़्यादा विधानसभा सीटों पर वोटों की चोरी हुई और ऐसा भाजपा को अनैतिक लाभ पहुंचाने के लिए किया गया." बता दें कि मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं.
सिंघार ने दावा किया कि 5 जनवरी से 2 अगस्त 2023 के बीच सात महीनों में मध्य प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या में लगभग 4.64 लाख की वृद्धि हुई, जबकि 2 अगस्त से 4 अक्टूबर के बीच सिर्फ़ दो महीनों में 16.05 लाख मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि हुई.
विपक्षी विधायक ने कहा, "इसका मतलब है कि (2 अगस्त से 4 अक्टूबर के बीच) हर दिन 26,000 मतदाता जुड़े." राज्य में मतदान 17 नवंबर 2023 को हुआ था.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "(कांग्रेस सांसद) राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के खुलासे ने देश को झकझोर कर रख दिया है. मध्य प्रदेश भी इस सुनियोजित चुनावी षडयंत्र का एक बड़ा शिकार है." उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हैं, जिनमें मतदाताओं की संख्या में असामान्य वृद्धि और डुप्लिकेट एंट्री शामिल हैं.
सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने 2 दिसंबर 2022 को एक आदेश जारी कर मतदाता सूची में 8 लाख 51 हजार 564 फर्जी और डुप्लिकेट एंट्री को हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन किसी भी जिला अधिकारी ने विलोपन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की. उन्होंने दावा किया कि सूचना के अधिकार के माध्यम से भी संबंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए गए.
कांग्रेस विधायक ने चुनाव आयोग से अंतिम मतदाता सूची पर रोक लगाने, प्रकाशित मतदाता सूची पर सभी राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर लेने और चुनाव संपन्न होने तक किसी भी तरह के बदलाव से बचने की मांग की.
सिंघार ने चुनाव आयोग से मतदाताओं का पूरा डेटा 'मशीन-पठनीय प्रारूप' में जारी करने और पीडीएफ इमेज के बजाय सीवीएस (फ़ाइल प्रारूप) उपलब्ध कराने का अनुरोध किया ताकि सूची की स्वतंत्र जाँच की जा सके.
पता हो कि 2023 के विधानसभा चुनावों में, बीजेपी को 163 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस केवल 66 सीटें जीत पाई.