पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों में बढ़ती आबादी, बेहिसाब टूरिज्म और अनियंत्रित इंफ्रास्ट्रक्चर आपदाओं की बड़ी वजह हैं. जब प्रकृति को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो वह इसी तरह बदला लेती है, जिससे जानमाल और इंफ्रास्ट्रक्चर का भारी नुकसान होता है. उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है; 2021 में 2,18,000 से बढ़कर 2023 में लगभग 6,00,000 हो गई. इस दबाव के कारण अनियंत्रित निर्माण और खुदाई होती है, जिससे भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ती हैं.