उत्तराखंड सरकार ने कथित रूप से असुरक्षित और 'जानलेवा' खांसी की सिरप के खिलाफ एक बड़ा राज्यव्यापी अभियान चलाने का दावा किया है. यह कार्रवाई बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर उपजी चिंताओं के मद्देनजर की गई है. अभी तक 170 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं और देहरादून की 7 दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.
आधिकारिक बयान के अनुसार, स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी की देखरेख में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) की टीमें सभी जिलों में अचानक निरीक्षण कर रही हैं.
अधिकारियों ने इस अभियान को राज्य में अब तक के सबसे व्यापक औषधि सुरक्षा अभियानों में से एक बताया है, जिसकी निगरानी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत कर रहे हैं.
देहरादून में सबसे बड़ा ऑपरेशन
अधिकारियों ने देहरादून में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई का दावा किया है. आयुक्त के निर्देश पर, ड्रग इंस्पेक्टर मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीमों ने चकराता रोड, किशननगर चौक और प्रेम नगर सहित कई इलाकों में निरीक्षण किया.
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अधिकारियों ने बताया कि कुछ बाल चिकित्सा खांसी और जुकाम की सिरप की बिक्री तुरंत रोक दी गई, और ऐसी सिरप का स्टॉक रखने वाली मेडिकल दुकानों को मौके पर ही सीलबंद कर दिया गया. जांच के लिए 11 सिरप के सैंपल एकत्र किए गए, जबकि Coldrif, Respifresh-TR और Relife जैसे कुछ ब्रांड निरीक्षण के दौरान दुकानों पर नहीं मिले.
अन्य जिलों में भी कार्रवाई
ऊधम सिंह नगर में, विभाग ने जांच के लिए प्रयोगशालाओं में 40 बाल चिकित्सा खांसी की सिरप के सैंपल भेजे हैं. हरिद्वार और रुड़की में भी इसी तरह के अभियान चलाए गए, जहां ऐरन हॉस्पिटल, विनय विशाल हॉस्पिटल और मेट्रो हॉस्पिटल जैसे अस्पतालों से 15 सैंपल एकत्र किए गए.
हल्द्वानी में, सोबन सिंह जीना बेस हॉस्पिटल के दवा स्टोर से सैंपल लिए गए, जबकि कोटद्वार में, Respifresh TR सिरप का स्टॉक जब्त किया गया. अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया और चांदीखेत में निरीक्षण के दौरान एक ही बैच की 12 बोतलें जब्त की गईं, जिसे पहले ही "गैर-उपयुक्त गुणवत्ता" का घोषित किया जा चुका था.
रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी से भी सैंपल एकत्र किए गए, जहां अधिकारियों ने स्थानीय विक्रेताओं को चार विशिष्ट सिरप ब्रांडों की बिक्री के खिलाफ चेतावनी दी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे उत्तराखंड से कुल 148 सैंपल प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं. विभिन्न जिलों में कई मेडिकल स्टोरों को नोटिस जारी किए गए हैं, और संदिग्ध स्टॉक जब्त व सील किए गए हैं.
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स्वास्थ्य सचिव बोले- जारी रहेगा ऑपरेशन
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद, असुरक्षित दवाएं बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि FDA की टीमें लगातार मैदान पर काम कर रही हैं और यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सभी असुरक्षित सिरप बाजार से हटा नहीं दिए जाते.
FDA ने निवासियों से अपील की है कि वे सूचीबद्ध खांसी की सिरप की किसी भी बिक्री या भंडारण की सूचना स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टरों या विभाग के कार्यालय को दें. अधिकारियों ने बताया कि प्रयोगशाला रिपोर्टों के आधार पर, सरकार उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने, जुर्माना लगाने और आगे की कानूनी कार्रवाई कर सकती है.