उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में अब नया खतरा मंडरा रहा है. ऊपर के इलाकों से स्यानाचट्टी में बरसाती नाले से मलबा आया. इस मलबे से यमुना का प्रवाह बाधित हो गया और अब पानी जमा होते-होते वहां झील बन गई. इससे वहां मौजूद घर और होटल खतरे में हैं. इतना ही नहीं यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला एक मात्र पुल भी यमुना नदी में समाने की कगार पर है.
पुलिस ने बताया कि आस-पास के घरों और होटलों को खाली करा लिया गया है और 150 लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है.बड़कोट के एसडीएम, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस, अग्निशमन सेवा, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग के कर्मियों की एक टीम मौके पर मौजूद है.
कृत्रिम झील के कारण आस-पास के सभी होटल और घर जलमग्न हो गए और पानी नदी के पुल के ऊपर तक पहुंच गया. ओजरी, पुजारगांव, पाली, खराडी और कुथनोर तथा निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और नदी के पास जाने से बचने को कहा गया है. बता दें कि 28 जून की रात बादल फटने से भारी मलबा आने से यमुना का प्रवाह रुक गया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई क्योंकि झील का पानी होटलों की निचली मंजिलों तक पहुंच गया था. हालांकि, कुछ दिनों बाद जब मलबा हटाया गया, तो पानी कम हो गया.
इससे पहले भी यहां झील बनने की घटना घटित हो चुकी है, जिसे एक्सावेटर मशीनों के जरिए पंचर कर यमुना के प्रवाह को बहाल किया गया था लेकिन स्याना चट्टी के समीप कुपड़ा गाड़ में हुए भूस्खलन और तेज जलप्रवाह के चलते एक बार फिर से नदी के मार्ग में रुकावट आ गई है, जिससे झील का निर्माण हो गया है.