उत्तराखंड में पढ़ाई के दौरान नस्लीय हिंसा का शिकार हुए त्रिपुरा के छात्र एंजल चकमा की मौत के बाद मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. खासकर पूर्वोत्तर राज्यों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है. छात्र संगठन सड़कों पर उतर आए हैं, कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं और सोशल मीडिया पर #JusticeForAngelChakma के साथ न्याय की मांग तेज हो गई है.
इस बीच भाजपा के पूर्व सांसद तरुण विजय ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की अपील की है. तरुण विजय ने पूर्वोत्तर के छात्रों के साथ एक सभा में एंजल चकमा को श्रद्धांजलि दी और वीडियो कॉल के जरिए उसके परिजनों से बात करने के बाद एक वीडियो बयान जारी किया.
इंसाफ की मांग, पूर्वोत्तर में कैंडल मार्च
तरुण विजय ने बताया कि एंजल चकमा के परिवार ने सरकार के सामने कई अहम मांगें रखी हैं. परिवार की मांग है कि इस मामले में सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए. इसके साथ ही, एंजल के इलाज से जुड़े अस्पताल के एक डॉक्टर की भूमिका पर भी परिवार ने संदेह जताया है, जो इलाज के बाद छुट्टी पर चला गया था. चूंकि परिवार त्रिपुरा में रहता है, इसलिए मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने की भी मांग की गई है.
परिवार ने डॉक्टर पर उठाए सवाल
परिजनों का कहना है कि एंजल के इलाज में करीब 30 लाख रुपये से अधिक खर्च हो चुके थे, लेकिन इसके बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की भी अपील की है.
गौरतलब है कि देहरादून के सेलाकुई इलाके में नस्लीय हिंसा का शिकार हुए 24 साल के MBA छात्र एंजल चकमा की 17 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद मौत हो गई थी. एंजेल त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के नंदानगर का रहने वाला था और उत्तराखंड में एक स्थानीय कॉलेज से MBA की पढ़ाई कर रहा था.