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उत्तरकाशी: पत्रकार राजीव की मौत दुर्घटना या साजिश? पत्नी ने उठाए गंभीर सवाल, CBI जांच की मांग

राजीव प्रताप के भाई आलोक प्रताप सिंह के मुताबिक, जिला अस्पताल की खराब व्यवस्था उजागर करने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. उनका यह भी कहना है कि कार की क्षति और चोटें हादसे की थ्योरी से मेल नहीं खाती है.

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उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत पर उठ रहे हैं सवाल (Photo- ITG)
उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत पर उठ रहे हैं सवाल (Photo- ITG)

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप (32) की रहस्यमय मौत ने पूरे स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया है और कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. पुलिस इसे एक दुखद सड़क दुर्घटना मान रही है, लेकिन उनका परिवार इसे एक सुनियोजित साजिश बता रहा है.

राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात से लापता थे. पुलिस के अनुसार, वह ज्ञानसू से गंगोरी की ओर अपने दोस्त की कार चला रहे थे, लेकिन घर नहीं पहुंचे. अगली सुबह उनकी क्षतिग्रस्त कार स्यूणा के पास भागीरथी नदी के किनारे मिली थी, लेकिन उसमें केवल उनकी चप्पलें मिलीं लेकिन राजीव का कोई सुराग नहीं मिला. 

दस दिनों की लंबी खोज के बाद,रविवार को पुलिस और आपदा प्रबंधन की संयुक्त टीम ने उनका शव जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया. 

पुलिस का पक्ष
पुलिस अधीक्षक (SP) सरिता डोभाल ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में राजीव कार चलाते हुए अकेले दिख रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी मौत छाती और पेट में गंभीर चोटों के कारण हुई है, जो सड़क दुर्घटना की ओर इशारा करता है.

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स्थानीय पत्रकार चिरंजीव सेमवाल ने मामले को संदिग्ध बताया है और उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है. राजीव के परिवार ने स्थानीय पुलिस जांच पर विश्वास न होने के कारण CBI जांच की मांग की है.

परिवार का आरोप (साजिश)
राजीव के भाई आलोक प्रताप सिंह ने दावा किया है कि जिला अस्पताल की खराब स्थिति को उजागर करने वाला एक वीडियो प्रकाशित करने के बाद से राजीव को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. आलोक ने कहा कि चोटें कार के नदी में फिसलने की थ्योरी से मेल नहीं खाती हैं. 

उन्होंने यह भी बताया कि जिस सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया जा रहा है, वह घटना स्थल से लगभग 800 मीटर दूर का है. आलोक ने यह भी खुलासा किया कि फरवरी में, कुछ लोग कथित तौर पर उनके घर आए और नशे की हालत में राजीव को धमकी दी थी.

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पत्नी के गंभीर आरोप
राजीव की गर्भवती पत्नी मुस्कान ने बताया कि उनकी अंतिम बात 18 सितंबर की रात 11:15 बजे हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस कार को राजीव चला रहे थे, वह एक पुलिस अधिकारी सोबन की थी. जब मुस्कान ने सोबन को मदद के लिए फोन किया तो उन्होंने मदद की बजाय मामले को हल्के में लिया.

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मुस्कान ने भावुक होकर पूछा है कि वह अपने पति के बिना अपने अजन्मे बच्चे का पालन-पोषण कैसे करेंगी. उन्होंने कहा कि राजीव हमेशा अपनी सुरक्षा से ऊपर जनहित के मुद्दों को रखते थे.

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